Kirodi Lal Meena: भाजपा नेता और राज्य सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा इन दिनों अपनी ही सरकार से नाराज हैं। उन्होंने पहले भी अपनी फोन टैपिंग का आरोप लगाया था और (Kirodi Lal Meena)अब फिर दावा किया कि उनका फोन अब भी टैप हो रहा है। हालांकि, पार्टी ने उन्हें इस मामले में नोटिस जारी किया था, जिसका उन्होंने जवाब भी दे दिया है।
पटवारी भर्ती में आरक्षण वर्गीकरण पर बयान
अब किरोड़ी लाल मीणा ने पटवारी भर्ती में विभिन्न वर्गों के पदों के बंटवारे को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “मुझे पता चला कि बगड़ी लालसोट में पंचायत हो रही है और लोग मुझे गालियां दे रहे हैं, लेकिन मेरी मां कहा करती थी कि गालियों से कोई फर्क नहीं पड़ता। मैंने पूछा समस्या क्या है? तो पता चला कि पटवारियों के पद कम कर दिए गए हैं। मैंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, मैं खुद अधिकारी से साइन करवाकर ज्वाइनिंग दिलवा दूंगा।”
क्या है पूरा मामला?
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) द्वारा पटवारी सीधी भर्ती 2025 के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसके बाद आरक्षण वर्गों में पदों के बंटवारे को लेकर विवाद खड़ा हो गया। अभ्यर्थियों का आरोप है कि आरक्षित वर्गों की अनदेखी की गई है, जिससे सोशल मीडिया पर विरोध तेज हो गया है। नॉन-टीएसपी क्षेत्र के 1733 पदों में से एससी, एसटी और ओबीसी के पदों में कटौती कर दी गई, जबकि एमबीसी और ईडब्ल्यूएस को अधिक पद दिए गए हैं।
ST-SC के पद कम, EWS के ज्यादा!
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, पटवारी भर्ती 2025 के नोटिफिकेशन में एससी-एसटी और ओबीसी के कुल 849 पदों की संख्या घटाकर 707 कर दी गई है।
- एससी को 16% आरक्षण के तहत 277 पद मिलने चाहिए थे, लेकिन केवल 229 पद दिए गए।
- एसटी को 12% आरक्षण के तहत 208 पद मिलने चाहिए थे, लेकिन केवल 175 पद मिले।
- ओबीसी को 21% आरक्षण के तहत 364 पद मिलने चाहिए थे, लेकिन केवल 303 पद दिए गए।
- एमबीसी को 5% आरक्षण के तहत 87 पद मिलने चाहिए थे, लेकिन 165 पद दिए गए।
- ईडब्ल्यूएस को 173 पद मिलने चाहिए थे, लेकिन 405 पद आवंटित किए गए।
अभ्यर्थियों में रोष, विवाद बढ़ा
अभ्यर्थियों का कहना है कि यह आरक्षण नियमों के खिलाफ है और सरकार ने जानबूझकर एससी-एसटी और ओबीसी वर्गों के पदों में कटौती की है। इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है, और अब यह मामला राजनीतिक रूप से भी गरमाता जा रहा है।