Pawan Kalyan statement: आंध्र प्रदेश में TIrupati Balaji Temple के प्रसाद लड्डू में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल की रिपोर्ट ने सियासी बवाल मचा दिया है। इस विवाद ने न केवल धार्मिक भावनाओं को भड़काया है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल पैदा कर दी है। डिप्टी सीएम और अभिनेता Pawan Kalyan ने इस गंभीर मामले पर अपनी आवाज उठाई है, और उन्होंने कहा है कि Tirumala temple purity और हिंदू धर्म का पालन करने वाले सभी लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है।
पवन कल्याण ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक भावुक संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “हे, बालाजी भगवन! क्षमा करें प्रभु। तिरुमाला लड्डू, जिसे अत्यंत पवित्र माना जाता है, अब दूषित हो गया है। जानकर मेरा मन विचलित हो गया। यह जानकर गहरा दुख हुआ कि पिछले शासकों की अनियंत्रित प्रवृत्ति के कारण यह अपवित्र हो गया था।” उन्होंने यह भी कहा कि इस पाप का अंजाम हिंदू जाति पर कलंक के रूप में सामने आया है।
पवन कल्याण ने 22 सितंबर, 2024 को गुंटूर जिले के नंबूर स्थित श्री दशावतार वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में दीक्षा धारण करने का निर्णय लिया है। उन्होंने 11 दिनों का प्रायश्चित उपवास करने का ऐलान किया, जिसमें वह व्यक्तिगत रूप से अपनी भावनाओं और आस्थाओं के लिए क्षमा मांगेंगे। इस उपवास का उद्देश्य न केवल अपने आपको शुद्ध करना है, बल्कि धार्मिक पवित्रता की रक्षा के लिए एक मजबूत संदेश देना भी है।
इस विवाद ने आंध्र प्रदेश की राजनीति में नई बहस को जन्म दिया है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह मुद्दा केवल धार्मिक आस्था से ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और राजनीतिक विमर्श से भी जुड़ा हुआ है। पवन कल्याण का यह कदम उनके समर्थकों के बीच नई ऊर्जा पैदा कर सकता है, जबकि विपक्ष इसे सत्ताधारी दल के प्रति एक बड़ा सवाल मान सकता है।
तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसाद सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में धार्मिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। अब देखना यह होगा कि पवन कल्याण का यह कदम सियासी समीकरणों को कैसे प्रभावित करेगा और क्या वह अपनी आस्था को लेकर जनसमर्थन जुटा पाएंगे। इस मुद्दे पर आगे की सियासत किस दिशा में जाएगी, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।