डोनाल्ड ट्रंप ने ली झूठी क्रेडिट, भारत ने Ind-Pak संघर्ष में अमेरिका की भूमिका की पोल खोली

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Operation Sindoor

Operation Sindoor:पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला भारत की सेनाओं ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर से लिया। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक सैन्य टकराव चला। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमला न करने पर सहमति जताई और लड़ाई रुकी।(Operation Sindoor) इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान टकराव रोकने की क्रेडिट ली। उन्होंने कहा कि अगर भारत लड़ाई रोकने पर सहमत नहीं होता तो अमेरिका भारत से कारोबार बंद कर देता। इस पर विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है और तीसरे देश की मध्यस्थता को खारिज किया।

दावा 1: अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान युद्धविराम में मध्यस्थता की

हकीकत: भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओएस के माध्यम से सीधे समझौते पर सहमति बनी। इंडियन एयरफोर्स के प्रभावी हमलों के बाद पाकिस्तान ने युद्धविराम का अनुरोध किया।

दावा 2: परमाणु संघर्ष टाला गया

हकीकत: केवल पारंपरिक क्षेत्र में सैन्य कार्रवाई हुई, परमाणु हथियारों का प्रयोग नहीं हुआ।

दावा 3: भारत को व्यापार रोकने की धमकी दी गई

हकीकत: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका के साथ कारोबार पर कोई चर्चा नहीं हुई।

दावा 4: कश्मीर पर मध्यस्थता की जाएगी

हकीकत: बातचीत केवल द्विपक्षीय होगी, मुद्दा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को वापस लेना होगा।

दावा 5: भारत और पाकिस्तान को साथ लाने की कोशिश की गई

हकीकत: ऐसी कोई योजना नहीं है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है।

दावा 6: भारत और पाकिस्तान तटस्थ स्थान पर बातचीत करेंगे

हकीकत: इस तरह की बातचीत की कोई योजना नहीं है।

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