Proxy War : भारत ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि तालिबान भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ छद्म युद्ध (Proxy War) लड़ रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में पाकिस्तान के इन आरोपों को बेतुका और निराधार बताते हुए पूरी तरह खारिज कर दिया। ( Proxy War)उन्होंने कहा, “पाकिस्तान अपनी आंतरिक नाकामियों के लिए दूसरों को दोष देने का आदी है। आतंकवाद को पनाह देना और उसका इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में करना पाकिस्तान की नीति रही है।”
भारत का रुख और अफगान संप्रभुता का समर्थन
रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के पक्ष में दृढ़ता से खड़ा है। उन्होंने बताया कि भारत अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच जारी संघर्ष पर करीब से नजर रख रहा है। “अफगानिस्तान को अपने क्षेत्रों पर संप्रभुता का अधिकार है। पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि हर समस्या का समाधान दूसरों को दोष देने से नहीं होता,” उन्होंने कहा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 48 घंटे का युद्धविराम लागू हुआ है, जिसमें सीमा पर भीषण संघर्ष और पाकिस्तानी हवाई हमलों के बाद दर्जनों सैनिक और नागरिक मारे गए थे।
पाकिस्तान आतंक का पनाहगाह
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप दोहराया। बयान में कहा गया कि पाकिस्तान वर्षों से आतंकवादी संगठनों को पनाह देता आ रहा है और उसकी धरती से कई बार भारत और पड़ोसी देशों पर हमले हुए हैं। अब जब पाकिस्तान खुद उसी आतंक के दंश से पीड़ित है, तो दोष दूसरों पर डाल रहा है। भारत ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में पाकिस्तान का हस्तक्षेप और वहां हवाई हमले क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं। मंत्रालय ने कहा कि भारत क्षेत्र में स्थिरता और सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार की हिंसा का विरोध करता है।
पाकिस्तान का आरोप और भारत की प्रतिक्रिया
ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को जियो टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अफगान तालिबान अब भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ प्रॉक्सी युद्ध लड़ रहा है और उनके फैसले दिल्ली के इशारे पर लिए जा रहे हैं। उन्होंने 48 घंटे के युद्धविराम की स्थिरता पर भी संदेह जताया। भारत ने इस बयान को कूटनीतिक रूप से गैर जिम्मेदाराना बताया और कहा कि पाकिस्तान को पहले अपनी धरती पर पल रहे आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करनी चाहिए न कि झूठ फैलाना चाहिए।
भारत-अफगान रिश्तों में नई गर्माहट
भारत और अफगानिस्तान के संबंध हाल के महीनों में धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। हालांकि भारत ने अब तक तालिबान शासन को औपचारिक मान्यता नहीं दी, लेकिन मानवीय सहायता और विकास परियोजनाओं के माध्यम से अपने संबंधों को मजबूत करना शुरू किया है। रणधीर जायसवाल ने बताया कि काबुल में भारत का तकनीकी मिशन अब दूतावास में ट्रांसफर किया जा रहा है और यह प्रक्रिया अगले कुछ दिनों में पूरी हो जाएगी। भारत मानवीय सहायता, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में अफगान जनता के साथ सहयोग जारी रखेगा।

































































