स्कूलों की नींव हिली, शिक्षक परेशान, सरकार खामोश, उठने लगी आंदोलन की आग

 Rajasthan News : राजस्थान के तृतीय श्रेणी अध्यापक लंबे समय से तबादलों और विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) को लेकर आवाज़ उठा रहे हैं। सोमवार को राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत के बैनर तले राज्यभर के शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। ( Rajasthan News )राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत की ओर से आयोजित ज़ूम बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सरकार के वादाखिलाफी रवैये के विरोध में प्रदेशभर में शिक्षक काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करेंगे। संघ के प्रदेश अध्यक्ष गिरिराज शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार पारदर्शी स्थानांतरण नीति का केवल नाम लेती है, लेकिन उसे लागू नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ईमानदारी से पारदर्शी स्थानांतरण नीति लाती है तो कई समस्याओं का समाधान एक साथ हो सकता है।


बोर्ड परीक्षाएं खत्म, फिर भी तबादलों पर चुप्पी

प्रदेश महामंत्री डॉ. रनजीत मीणा ने कहा कि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जनवरी में घोषणा की थी कि 15 मार्च के बाद तबादले खोले जाएंगे। अब बोर्ड परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं, लेकिन सरकार अभी तक इस मुद्दे पर चुप है। इस कारण राज्यभर के शिक्षक निराश हैं और विरोध प्रदर्शन को मजबूर हैं।

भरतपुर की रहने वाली अध्यापिका अनीता शर्मा ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, “मैं 15 वर्षों से जालोर में तैनात हूं। पति का निधन हो चुका है, बच्चों की जिम्मेदारी मुझ पर है। कई बार सरकार को अपनी पीड़ा बताई, लेकिन समाधान नहीं हुआ।” संगठन के महामंत्री चंद्रभान चौधरी ने कहा कि यदि सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की डीपीसी कर दे, तो काफी हद तक स्थानांतरण की आवश्यकता नहीं रहेगी। उन्होंने बताया कि रिक्त पद भी भर जाएंगे और स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी दूर होगी।


प्रदेशभर से शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी

इस विरोध में दौसा से ऋषि राज यादव, तेजकरण मुंडोतिया, राजसमंद से महेश सहरावत, कोटा से सविता मीणा, जालोर से वारिश खान, डूंगरपुर से गजेंद्र कुमार, सिरोही से संजय सिंह दायमा, जैसलमेर से शंकर लाल रैबारी, कुचामन से संजय कुमार, कोटपुतली से राहुल यादव सहित हजारों शिक्षक शामिल हुए। शिक्षक संघ ने चेतावनी दी है कि जब तक सरकार तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादलों और डीपीसी को लेकर ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा।

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