ईएएम एस. जयशंकर ने संसद में खोली पाकिस्तान की पोल, बताया हिंदू अल्पसंख्यकों पर कैसे हो रहे अत्याचार!

Jaishankar in Lok Sabha

Jaishankar in Lok Sabha: भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचारों को लेकर संसद में बड़ा राजनीतिक बयान सामने आया है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने लोकसभा में चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए, (Jaishankar in Lok Sabha)जिससे इन दोनों देशों में हिंदुओं की बदतर हालत का खुलासा हुआ। जयशंकर ने साफ कहा कि भारत इस मसले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार उठा रहा है और पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में भी शर्मसार किया जा चुका है।

जयशंकर ने कहा कि भारत अपने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है, लेकिन पाकिस्तान और बांग्लादेश की सरकारें हिंदुओं के खिलाफ हो रहे हमलों पर आंखें मूंदे बैठी हैं। इस बयान के बाद संसद में राजनीतिक माहौल गरमा गया, और सरकार से मांग उठी कि भारत को इस मसले पर और सख्त रुख अपनाना चाहिए।


‘यह देश कट्टरपंथ के गिरफ्त में है’

लोकसभा में बोलते हुए एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को सीधे कटघरे में खड़ा किया और कहा कि वहां हिंदुओं के खिलाफ जुल्म चरम पर हैं। उन्होंने बताया कि फरवरी 2025 में ही पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार के 10 बड़े मामले सामने आए।

जयशंकर ने पाकिस्तान की कट्टरपंथी सोच पर हमला बोलते हुए कहा, “हम अपने पड़ोसी की मानसिकता नहीं बदल सकते, क्योंकि वह पूरी तरह कट्टरपंथ के गिरफ्त में है। यहां तक कि इंदिरा गांधी भी पाकिस्तान की कट्टरता को खत्म नहीं कर सकीं।”

उन्होंने आगे बताया कि 2014 से अब तक भारत सरकार ने पाकिस्तान से आने वाले 15,019 अल्पसंख्यकों को लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) जारी किया है, जो यह साबित करता है कि वहां रहने वाले हिंदू खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते।

जयशंकर के इस बयान के बाद विपक्ष ने भी पाकिस्तान की कड़ी निंदा की, लेकिन कुछ नेताओं ने यह सवाल उठाया कि भारत को इस मसले पर अभी तक और कड़े कदम क्यों नहीं उठाए गए?


बांग्लादेश पर भी जयशंकर के खुलासे से बढ़ी चिंता

पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश में भी हिंदुओं की हालत लगातार खराब होती जा रही है। जयशंकर ने संसद में बताया कि 2024 में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर 2,400 हमले दर्ज किए गए, जबकि 2025 के शुरुआती महीनों में ही 72 नए हमले सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार जाने के बाद से हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं। “हमारी सरकार इस पूरे मामले पर करीबी नजर बनाए हुए है और हमने बांग्लादेश सरकार से अपनी चिंता जाहिर की है।” जयशंकर ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की स्थिति भारत के लिए चिंता का विषय बनी हुई है और इस मसले पर जल्द ही बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।


संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को किया गया बेनकाब

संसद में जयशंकर ने भारत की कूटनीतिक जीत का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है और उसे मानवाधिकार उल्लंघन के लिए शर्मसार किया गया है।

जयशंकर ने कहा कि भारत अब इस मुद्दे पर नरमी नहीं दिखाएगा और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और ज्यादा घेरने की रणनीति तैयार की जा रही है।


 सरकार को घेरने में जुटा विपक्ष

जयशंकर के इस बयान के बाद विपक्ष ने भी इस मुद्दे को लपक लिया। विपक्षी दलों ने सरकार से सवाल किया कि अगर पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति इतनी खराब है, तो भारत ने अब तक इस पर और कड़े कदम क्यों नहीं उठाए?

कुछ नेताओं ने CAA (नागरिकता संशोधन कानून) को लेकर भी सवाल उठाए और सरकार से इसे जल्द से जल्द लागू करने की मांग की।

हालांकि, सरकार की ओर से साफ कर दिया गया कि भारत अपने नागरिकों और पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के हक की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।


अब क्या होंगे भारत के अगले कदम?

जयशंकर के इस बयान के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर और क्या ठोस कदम उठाएगा? क्या भारत इन देशों पर राजनयिक दबाव बढ़ाएगा या किसी तरह की आर्थिक कार्रवाई करेगा?

क्या हो सकता है भारत का अगला कदम?

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ और सख्त प्रस्ताव रख सकता है।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदू अल्पसंख्यकों की दुर्दशा का मुद्दा जोरशोर से उठा सकता है।
CAA (नागरिकता संशोधन कानून) को जल्द लागू कर सकता है, ताकि पीड़ित हिंदू भारत आ सकें।
पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ कूटनीतिक दबाव बढ़ा सकता है।


 क्या अब कार्रवाई का वक्त आ गया है?

जयशंकर के इस बयान ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। संसद में उठे इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि भारत के पड़ोसी देशों में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहे। अब यह देखना होगा कि भारत इस पर कितनी जल्दी और कितनी कड़ी कार्रवाई करता है। आप क्या सोचते हैं? क्या भारत को पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ और सख्त कदम उठाने चाहिए?

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