Money Laundering: डायरेक्टरेट ऑफ एनफोर्समेंट (ईडी) की लखनऊ जोनल टीम ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए 13 अचल संपत्तियां अटैच की हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 13.02 करोड़ रुपये बताई जा रही है। ये संपत्तियां बलरामपुर जिले के उतरौला इलाके में स्थित हैं (Money Laundering) और इन्हें नीतू नवीन रोहरा के नाम पर खरीदी गई थीं।
क्या है केस?
यह केस छांगुर बाबा और उनके सहयोगियों से जुड़ा है। ईडी ने जांच की शुरुआत एटीएस लखनऊ की एफआईआर के आधार पर की थी, जिसमें बड़े पैमाने पर गैरकानूनी धार्मिक कन्वर्जन, विदेशों से फंडिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती देने वाली गतिविधियों के आरोप लगाए गए थे।
छांगुर बाबा का नेटवर्क
जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा ने बलरामपुर के चांद औलिया दरगाह से एक नेटवर्क खड़ा किया था। यहां पर वह अक्सर बड़े धार्मिक जमावड़े करता था, जिसमें भारत और विदेश से लोग शामिल होते थे। आरोप है कि वह विशेष रूप से दलित और आर्थिक रूप से कमजोर हिंदू समुदाय के लोगों को बहला-फुसलाकर और दबाव डालकर धर्मांतरण करवाता था।
ईडी की जांच में सामने आई नई जानकारी
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि छांगुर बाबा ने दुबई में रहने वाले व्यापारी नवीन रोहरा के साथ मिलकर साजिश रची। इसके लिए नवीन रोहरा की दुबई की कंपनी यूनाइटेड मरीन FZE के बैंक खाते का इस्तेमाल किया गया। इस खाते में संदिग्ध स्रोतों से 21.08 करोड़ रुपये आए, जिन्हें बाद में एनआरई/एनआरओ अकाउंट्स के ज़रिए भारत लाया गया। इसी पैसे से उतरौला में नीतू रोहरा (नवीन रोहरा की पत्नी) के नाम पर जमीन और संपत्तियां खरीदी गईं।
गिरफ्तारी और आगे की जांच
गौरतलब है कि ईडी ने छांगुर बाबा को 28 जुलाई 2025 और नवीन रोहरा को 4 अगस्त 2025 को गिरफ्तार किया था। फिलहाल दोनों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी का कहना है कि मामले में आगे की जांच जारी है। यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ था, और लोग हैरान थे कि कैसे एक शख्स संगठित तरीके से ऐसे अपराध कर रहा था।