Rajasthan News: राजस्थान के ब्यावर जिले में स्कूली छात्राओं के शोषण और ब्लैकमेल कर धर्म परिवर्तन कराने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इस घटना को गंभीर और चिंताजनक करार दिया है। उन्होंने बिजयनगर में हुए इस (Rajasthan News)ब्लैकमेल कांड को लेकर कहा कि मामले में और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
ब्लैकमेलिंग रोकने के लिए कड़ी निगरानी के आदेश
विधानसभा अध्यक्ष ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि पहाड़ी क्षेत्रों और अवैध रूप से संचालित रेस्टोरेंट्स पर सख्त नजर रखी जाए और जरूरत पड़ने पर छापेमारी की जाए। उन्होंने आईजी और एडिशनल एसपी को निर्देश दिया कि इस तरह की घटनाओं पर पूरी सतर्कता बरती जाए।
छात्राओं को फंसाने के लिए अपनाए जाते थे नए तरीके
पीड़िता के बयान के मुताबिक, आरोपियों ने छात्राओं को अपने जाल में फंसाने के लिए कई हथकंडे अपनाए। वे हर रोज नई-नई गाड़ियां लेकर आते थे—कभी कार, कभी बुलेट—ताकि उन पर शक न हो। पीड़िता ने खुलासा किया कि इन लोगों ने कहा था,
“ब्राह्मण की लड़की को बेचेंगे तो 20 लाख मिलेंगे और दलित लड़की को बेचने पर 10 लाख रुपये मिलेंगे।”
इस तरह लड़कियों को ब्लैकमेल और शोषण करने की साजिश रची गई।
अजमेर में 200 से 250 बच्चों के लापता होने पर चिंता
विधानसभा अध्यक्ष ने अजमेर में 200 से 250 बच्चों के गायब होने की घटनाओं को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। इन लापता बच्चों में ज्यादातर लड़कियां शामिल हैं। इस मुद्दे पर पुलिस के साथ चर्चा की गई और सुरक्षा मजबूत करने के लिए नई चौकियों की स्थापना पर विचार किया जा रहा है।
लव जिहाद और बहलावे की घटनाओं पर सख्त नजर
देवनानी ने पुलिस को निर्देश दिए कि लव जिहाद और बहलावे से जुड़ी घटनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अलावा, उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों पर विशेष ध्यान दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
अभिभावकों से विधानसभा अध्यक्ष की अपील
वासुदेव देवनानी ने अभिभावकों से आग्रह किया कि यदि कोई बच्चा स्कूल से लापता होता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। उन्होंने बच्चों को भी संदेश दिया कि वे किसी भी तरह की परेशानी में अपने माता-पिता और पुलिस को निडर होकर जानकारी दें।
उन्होंने कहा, “यह केवल पुलिस की नहीं, बल्कि पूरे समाज और अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे सतर्क रहें और ऐसी घटनाओं को रोकने में सहयोग करें।”
इस पूरे मामले ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या ठोस कदम उठाता है।