Jodhpur Crime News: जोधपुर सेंट्रल जेल में बंदियों को मोबाइल और सिम कार्ड आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन इसके लिए चार से पांच गुना अधिक रकम चुकानी पड़ती है। हाल ही में जेल प्रहरी की मिलीभगत से सिम कार्ड पहुंचाने के मामले में गिरफ्तार युवक ने यह खुलासा किया है। (Jodhpur Crime News)पिछले साल जेल प्रशासन ने 16 मोबाइल और 9 सिम जब्त किए थे, जिसके बाद रातानाडा थाने में मामला दर्ज किया गया था। जांच के दौरान पुलिस ने नागौरी गेट निवासी हुसैन को पकड़ा, जिसने बताया कि वह आकिब नामक व्यक्ति को सिम देता था। आकिब यह सिम जेल प्रहरी राजेश बिश्नोई को सौंपता था, जो उन्हें जेल के अंदर भेजता था। पुलिस ने हुसैन, आकिब और प्रहरी राजेश बिश्नोई को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
10,000 का मोबाइल 50,000 में बिकता
पूछताछ में आकिब ने बताया कि जेल के अंदर बंदियों को सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन कीमत बहुत ज्यादा होती है। यदि किसी मोबाइल की बाजार कीमत 10,000 रुपये है, तो जेल में उसे 40,000 से 50,000 रुपये तक चुकाने पड़ते हैं।
कैसे पहुंचते हैं जेल के अंदर मोबाइल और सिम?
आकिब खुद चार साल तक जेल में बंद था और डेढ़ साल पहले जमानत पर रिहा हुआ था। उसने कबूला कि जेल से छूटने के बाद प्रहरी के माध्यम से मोबाइल और सिम अंदर भेजने की योजना बनाई थी। अब तक वह 40-50 मोबाइल और सिम जेल में पहुंचा चुका है। बदले में उसे प्रति मोबाइल और सिम के लिए 1,000 रुपये दिए जाते थे।
हत्या के आरोप में चार साल जेल में था आकिब
आकिब को 2019 में प्रतापनगर थाना क्षेत्र में हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह 19 अगस्त 2023 को जमानत पर जेल से रिहा हुआ था। अब वह जेल प्रहरी की मदद से मोबाइल और सिम की तस्करी कर रहा था, जिसे पुलिस ने पकड़ लिया है।