स्पीकर ने किया निलंबन रद्द, ‘दादी’ विवाद पर विपक्ष की माफी, भाटी बोले…विपक्ष के बिना मजा नहीं!

Ravindra Singh Bhati

Ravindra Singh Bhati: राजस्थान विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को ‘दादी’ कहने पर हुआ विवाद गुरुवार को समाप्त हो गया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से गलत आचरण के लिए माफी मांगी। (Ravindra Singh Bhati)इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सभी 6 कांग्रेस विधायकों का निलंबन रद्द कर दिया।

शायराना अंदाज में शुरू हुई कार्यवाही

निलंबन रद्द होने के बाद सदन की कार्यवाही एक अलग ही माहौल में शुरू हुई। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने मजाकिया लहजे में कहा, “मैं तो निर्दलीय हूं, विपक्ष के बिना सदन का आनंद नहीं आया।” इस पर अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि “विपक्ष की कमी आप पूरी कर रहे थे।”

सीमांत क्षेत्र में रिट्रीट सेरेमनी कराने की मांग

भाटी ने अपने क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा करते हुए कहा कि वे सीमांत क्षेत्र से आते हैं, जहां 1965 और 1971 के युद्ध लड़े गए। उन्होंने विधानसभा में यह मांग रखी कि “वाघा बॉर्डर की तर्ज पर सीमांत क्षेत्र में रिट्रीट सेरेमनी आयोजित की जाए और वहां एक वॉर म्यूजियम भी बनाया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां देश के शौर्य से परिचित हो सकें।”

बीजेपी में शामिल होकर 10 दिन में छोड़ी पार्टी

भाटी, जो विचारधारा से बीजेपी के करीब और एबीवीपी के सदस्य रहे हैं, 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। लेकिन टिकट न मिलने पर 10 दिन बाद ही पार्टी छोड़ दी और निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसमें जीत हासिल की। उस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा सके थे।

बीजेपी में शामिल होने से किया किनारा

निर्दलीय विधायक बनने के बाद भाटी बीजेपी के साथ जाना चाहते थे, लेकिन पार्टी में उनका विरोध हो रहा था। उन्होंने जैसलमेर से आराधना यात्रा शुरू की, जिसे भारी जनसमर्थन मिला। बाद में जयपुर में सीएम से बातचीत के बावजूद उन्होंने जनता से पूछकर फैसला लेने की बात कही और बीजेपी में शामिल नहीं हुए।

लोकसभा चुनाव में मिली हार

विधानसभा में निर्दलीय विधायक के रूप में रहने के बाद भाटी ने निर्दलीय लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन इसमें हार का सामना करना पड़ा।

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