Vasudev Devnani: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने गुरुवार को सदन में उदारता दिखाते हुए निलंबित विधायकों को बहाल कर दिया। (Vasudev Devnani) उन्होंने कहा कि “मर्यादाओं का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।” जनता अपने जनप्रतिनिधियों को विधानसभा में भेजती है, इसलिए सभी विधायकों की जिम्मेदारी है कि वे जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरें।
‘आसन का सम्मान करें विधायक’
अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि “संबंधित सदस्यों का आचरण और अनुशासन व्यवहार में लाया जाना आवश्यक है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी विधायक आसन का सम्मान करें, क्योंकि आसन सर्वोपरि होता है और उसके प्रति सम्मानजनक व्यवहार आवश्यक है।
उत्पात की भी होती है एक सीमा
देवनानी ने कहा कि उन्होंने कई कार्यवाहियां देखी हैं, लेकिन राजस्थान विधानसभा में जो हुआ, वह “देश की किसी भी विधानसभा में नहीं हुआ होगा, विशेषकर विपक्ष के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा।” उन्होंने कहा कि “बड़ों को क्षमा और छोटों को उत्पात” जैसी बातें कही जाती हैं, लेकिन “उत्पात की भी एक सीमा होती है, जिसे पार करना अनुचित है।”
गतिरोध समाप्त करने में मुख्यमंत्री और विपक्षी नेताओं की भूमिका
अध्यक्ष ने बताया कि वे लगातार मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विपक्ष के नेताओं के संपर्क में रहे ताकि गतिरोध को खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि दोनों पक्ष सर्वसम्मति बनाकर आते हैं, तो समाधान निकालने में कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि “विधायकों को धैर्य रखना चाहिए और अध्यक्ष पर विश्वास करना चाहिए, क्योंकि यह केवल मेरे सम्मान की बात नहीं, बल्कि पूरे आसन के सम्मान की बात है।”
दोनों पक्षों को नियंत्रित रहने से ही चलेगा सदन
देवनानी ने कहा कि “सदन तभी सुचारू रूप से चलेगा जब दोनों पक्ष अपने-अपने सदस्यों को नियंत्रण में रखेंगे।” विपक्ष के नेता ने संबंधित सदस्यों के लिए क्षमा मांगी और खेद प्रकट किया, जिससे उम्मीद है कि विपक्ष भी अपने आचरण में सुधार करेगा।
‘वोटरों की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहिए’
अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि “हर विधायक जनता से चुनकर आया है, लाखों मतदाताओं ने उन्हें सदन में भेजा है। उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना सभी विधायकों की जिम्मेदारी है।” उन्होंने यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि “सदन अधिक दिन तक चले, अधिक प्रश्न पूछे जाएं, अधिक बहस हो और आमजन की समस्याओं का समाधान निकले।”
‘राजस्थान विधानसभा को एक आदर्श सदन बनाना लक्ष्य’
देवनानी ने कहा कि उनका उद्देश्य राजस्थान विधानसभा को एक आदर्श सदन के रूप में विकसित करना है, जहां जनहित के अधिकतम मुद्दे उठें और सरकार उनका समाधान नियमानुसार निकाले।