Rajasthan Politics:राजस्थान की राजनीति इस समय चरम पर है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार 19 फरवरी को अपना दूसरा पूर्ण बजट पेश करने जा रही है, और इससे ठीक पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा कई राजनीतिक संकेत दे रहा है।( Rajasthan Politics) बीजेपी के रणनीतिकार माने जाने वाले अमित शाह का यह दौरा केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि इसके गहरे सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
सिर्फ सम्मेलन या राजनीतिक एजेंडा?
अमित शाह 17 फरवरी को जयपुर पहुंचेंगे और सीतापुरा स्थित जेईसीसी परिसर में आयोजित राजभाषा सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर चर्चा होगी। हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि क्या शाह का यह दौरा केवल सम्मेलन तक सीमित रहेगा, या इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक एजेंडा भी है?
राज्यों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी
इस सम्मेलन में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, राजस्थान, गोवा, जम्मू-कश्मीर सहित 10 राज्यों के प्रतिनिधि भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे। केंद्रीय कार्यालयों, बैंकों और अन्य संस्थानों के करीब 2000 अधिकारी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे।
क्या राजस्थान की राजनीति में कुछ बड़ा होने वाला है?
भजनलाल सरकार इस समय अपने पूर्ण बजट की तैयारी में जुटी है। ऐसे में बजट से ठीक पहले अमित शाह का राजस्थान दौरा महज संयोग नहीं माना जा सकता। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, शाह का यह दौरा केवल सम्मेलन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका बड़ा सियासी असर देखने को मिल सकता है।
बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान सरकार के प्रदर्शन पर नजर बनाए हुए है, और इस दौरे के दौरान अमित शाह पार्टी नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक कर सकते हैं। संभावना है कि इस दौरान राज्य के मंत्रियों और संगठन के प्रमुख नेताओं से मुलाकात कर आगामी रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।
सरकार के लिए कोई संदेश लेकर आ रहे हैं शाह?
राजस्थान में आगामी महीनों में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं, और शाह का यह दौरा इन चुनावों के मद्देनजर भी अहम हो सकता है। साथ ही, केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की दिशा में भी यह यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
बीजेपी आलाकमान यह सुनिश्चित करना चाहता है कि राज्य सरकार अपने बजट और योजनाओं के माध्यम से जनता को संतुष्ट कर सके। अगर कहीं कोई कमजोरी नजर आ रही है, तो शाह इस दौरे के दौरान उस पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और जरूरी निर्देश दे सकते हैं।
राजस्थान की राजनीति में हलचल तय!
अमित शाह के इस दौरे के बाद राजस्थान की राजनीति में निश्चित रूप से हलचल देखने को मिलेगी। उनके बयान, उनकी मुलाकातें और उनकी रणनीति आने वाले दिनों में यह तय करेगी कि बीजेपी राजस्थान में क्या नया करने जा रही है।
विपक्ष भी शाह के इस दौरे पर नजरें गड़ाए बैठा है, क्योंकि यह देखना दिलचस्प होगा कि इस यात्रा से क्या राजनीतिक समीकरण बदलते हैं। अब यह देखना होगा कि 17 फरवरी का यह दौरा सिर्फ एक प्रशासनिक यात्रा साबित होता है या इसके पीछे कोई बड़ा सियासी दांव छिपा है!