ईरान ने इज़राइल पर क्लस्टर बम से किया हमला, नागरिक इलाकों में मची तबाही, युद्ध अब निर्मम!

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Israel Iran War

Israel Iran War: ईरान और इजरायल के बीच चल रहे भीषण संघर्ष में अब एक नया मोड़ आ गया है। ईरान ने एक क्लस्टर सबमिशन ले जाने वाली मिसाइल से इजरायल पर हमला किया है। यह मिसाइल घनी आबादी वाले नागरिक क्षेत्र में दागी गई, जिससे दर्जनों बम गिरे। (Israel Iran War)इजरायली अधिकारियों के अनुसार, यह आठ दिनों में पहली बार है जब इस प्रकार का खतरनाक हथियार प्रयोग में लाया गया है।

क्लस्टर बम से हमला, इजरायल का दावा

वाशिंगटन स्थित इजरायली दूतावास ने रॉयटर्स को बताया, “ईरानी सशस्त्र बलों ने एक मिसाइल दागी जिसमें क्लस्टर सबमिशन था। इसने मध्य इजरायल के 8 किमी दायरे में लगभग 20 सबमिशन गिराए।” हालांकि, ईरान की तरफ से इस आरोप पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

क्या होता है क्लस्टर बम?

क्लस्टर बम एक बड़ा कंटेनर होता है जिसमें सैकड़ों छोटे बमलेट्स (submunitions) होते हैं। ये हवा में फटकर एक बड़े क्षेत्र में फैलते हैं और विस्फोट करते हैं। इसका मकसद दुश्मन को व्यापक स्तर पर नुकसान पहुंचाना होता है।

कितना खतरनाक होता है क्लस्टर बम?

  • क्लस्टर बम एक साथ कई विस्फोट करता है, जिससे सैन्य और नागरिक दोनों क्षेत्रों में भारी तबाही मचती है।
  • 10-40% बमलेट्स विस्फोट नहीं करते और जमीन पर लैंडमाइन की तरह रह जाते हैं।
  • ये बम कई सालों तक <strongसक्रिय रह सकते हैं और खासकर बच्चों के लिए जानलेवा साबित होते हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध और अपवाद

2008 में 112 देशों ने क्लस्टर म्यूनिशन पर प्रतिबंध लगाने के लिए समझौता किया, जिसे Convention on Cluster Munitions कहा जाता है। लेकिन ईरान, इजरायल, अमेरिका, रूस और भारत जैसे देश इस समझौते का हिस्सा नहीं हैं।

क्लस्टर बम की विशेषताएं

  • प्रत्येक बम में कई छोटे विस्फोटक होते हैं जिनका वजन 20 किलोग्राम से कम होता है।
  • इन बमों को फाइटर जेट, मिसाइल या ग्राउंड लॉन्चर से दागा जा सकता है।
  • यह बख्तरबंद वाहनों को भी तबाह कर सकते हैं।

इतिहास

क्लस्टर बम का पहला इस्तेमाल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी और सोवियत संघ की सेनाओं ने किया था। इसके बाद अमेरिका, रूस, चीन और भारत सहित कई देशों ने इन्हें अपने हथियारों में शामिल किया।

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