राजे गुट सक्रिय, भाजपा संगठन अलर्ट….राजस्थान में मंत्रिमंडल बदलाव को लेकर बड़े राजनीतिक उलटफेर की चर्चा तेज

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Rajasthan Cabinet Reshuffle

Rajasthan Cabinet Reshuffle: राजस्थान में हालिया प्रशासनिक बदलावों के बाद अब राजनीतिक हलकों में मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है। अंता विधानसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद प्रदेश सरकार के दो वर्ष पूरे होने से पहले टीम में बदलाव की प्रबल संभावना नजर आ रही है। (Rajasthan Cabinet Reshuffle)फिलहाल सरकार में कुल 24 मंत्री हैं, जबकि संवैधानिक रूप से अधिकतम 30 मंत्री नियुक्त किए जा सकते हैं — यानी लगभग 6 खाली सीटें पर नए चेहरों के शामिल होने की संभावना है।

क्यों है फेरबदल की चर्चा तेज?

  • गुटीय संतुलन: पार्टी के अंदर विभिन्न गुटों का संतुलन बनाये रखना प्राथमिकता माना जा रहा है।
  • क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व: शेखावाटी और मेवाड़ जैसे क्षेत्रों से प्रतिनिधित्व बढ़ाने की चर्चा है ताकि क्षेत्रीय संतुलन बेहतर हो सके।
  • सामुदायिक समीकरण: गुर्जर और मेघवाल समुदायों को अधिक स्थान देने की मांग उठ रही है — यह भी फेरबदल का बड़ा कारण दिखता है।
  • नॉन-परफॉर्मर हटाने की संभावनाएँ: सूत्रों के अनुसार केवल खाली पद भरने तक सीमित नहीं रहेंगे; प्रदर्शन के आधार पर कुछ मंत्रियों को हटाने या विभाग बदलने की योजना भी चल रही है।
  • चुनावी तैयारी: आगामी पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों को देखते हुए संगठन और सरकार दोनों ही कामकाज व चुनावी संदेश पर असर डालने वाले बदलाव चाह रहे हैं।

किस क्षेत्रों और समूहों पर फोकस?

राजनीतिक रिपोर्टों और पार्टी भीतर की चर्चाओं के अनुसार शेखावाटी, पूर्वी राजस्थान, मेवाड़ और आदिवासी प्रभावित क्षेत्रों से नए प्रतिनिधियों की उम्मीद है। साथ ही राजे प्रभाव वाले गुट को संतुलित करने की रणनीतियाँ भी चर्चा में हैं ताकि विधानसभा व संगठनात्मक समीकरण दोनों पर असर पड़े।

“मुख्यमंत्री ने आज विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं से फीडबैक लिया और मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा जारी है।” — राजनीतिक सूत्र

नज़र कहाँ रखी जा रही है?

मूल्यांकन की प्रमुख कड़ी है — नॉन-परफॉर्मर मंत्रियों का आकलन किया जा रहा है और इसी आधार पर विभागों में बदलाव या छुट्टी के निर्णय लिए जा सकते हैं। भाजपा आलाकमान भी संगठन और सरकार के कामकाज के संतुलन को देखते हुए रणनीति बना रहा है, जिससे अगले कुछ दिनों में बड़ा राजनीतिक मोड़ देखने को मिल सकता है।

ब्यूरोक्रेसी में हालिया बड़ी सर्जरी के बाद यह संभवनाएँ और अधिक सशक्त हुई हैं कि सरकार अपने दो वर्ष पूरे होने से पहले मंत्रिमंडल में बदलाव कर सकती है। राजनीतिक गतिविधियाँ और लगातार हो रही बैठकों के बीच राज्य की राजनीति में आने वाले दिनों में अहम फैसले होने की उम्मीद है।

 

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