Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्षविराम को लेकर अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि यह “अमेरिका की बड़ी कूटनीतिक जीत” है। डोनाल्ड ट्रंप ने 16 मई को ‘एयरफोर्स वन’ विमान में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच जो हुआ, वह बहुत बड़ी सफलता है। हम इससे बेहद खुश हैं और उम्मीद है कि यह स्थायी रहेगा।”( Operation Sindoor) उन्होंने कहा कि यदि उस समय दोनों देशों के बीच गुस्से के स्तर को देखा होता, तो उसकी गंभीरता को समझा जा सकता था।
पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बाद संघर्षविराम
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक ड्रोन और मिसाइल हमले किए। इसके बाद चार दिन तक सीमा पर संघर्ष चलता रहा। 10 मई को भारत और पाकिस्तान संघर्षविराम पर सहमत हुए।
ट्रंप ने दावा किया कि यह संघर्षविराम अमेरिका की मध्यस्थता के कारण संभव हुआ और “एक लंबी रात की बातचीत” के बाद दोनों देशों ने पूर्ण संघर्षविराम पर सहमति जताई।
भारत ने अमेरिका की भूमिका को किया खारिज
हालांकि, भारत सरकार के सूत्रों ने साफ कहा है कि इस संघर्षविराम में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं रही। भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के DGMO (डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स) के बीच सीधी बातचीत के जरिए यह सहमति बनी। भारत ने हमेशा यह दोहराया है कि कश्मीर सहित सभी मुद्दे द्विपक्षीय हैं और किसी तीसरे देश को इसमें हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पहले भी कर चुके हैं ऐसे दावे
यह सातवीं बार है जब डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा दावा किया है। इससे पहले उन्होंने कतर के अल-उदीद एयरबेस पर अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए भी यही कहा था कि अमेरिका ने भारत-पाक संघर्ष को टालने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि, भारत ने कभी इस दावे की पुष्टि नहीं की है, न ही पाकिस्तान की ओर से इसका कोई आधिकारिक समर्थन किया गया है। जहां अमेरिका संघर्षविराम को अपनी कूटनीतिक सफलता बता रहा है, वहीं भारत का रुख स्पष्ट है कि यह समझौता द्विपक्षीय संवाद के माध्यम से हुआ है। ट्रंप के बार-बार किए जा रहे दावे किसी ठोस आधार पर टिके नजर नहीं आते।