India Pakistan ceasefire: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम सुनते ही लोगों के मन में कई तरह के विवादास्पद विचार आने लगते हैं। ट्रंप ने न केवल अपने बयानों से दुनियाभर में सनसनी मचाई बल्कि झूठ बोलने में भी एक नया ‘रिकॉर्ड’ बना डाला( India Pakistan ceasefire) और ताज़ा मामला है – भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कथित सीजफायर को लेकर। जानिए पूरा मामला:
भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर ट्रंप का पलटा बयान
10 मई को ट्रंप ने दावा किया कि उनकी मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध टल गया और लाखों लोगों की जान बच गई। लेकिन 15 मई को उन्होंने अपने ही बयान से पलटी मारते हुए कहा कि उन्होंने कभी मध्यस्थता का दावा नहीं किया, सिर्फ “मदद की कोशिश” की थी। भारत ने साफ कहा कि कोई मध्यस्थता नहीं हुई, यह समझौता दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक बातचीत का नतीजा था।
ट्रंप का झूठ: 30,573 बार भ्रामक दावे
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान कुल 30,573 झूठे या भ्रामक दावे किए। यानी:
- पहले साल: रोजाना 6 झूठ
- दूसरे साल: रोजाना 16 झूठ
- तीसरे साल: रोजाना 22 झूठ
- चौथे साल: रोजाना 39 झूठ
चुनाव से पहले झूठ की सुनामी
2020 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप की झूठ बोलने की रफ्तार और बढ़ गई:
- सितंबर 2020: 2,239 झूठे दावे
- अक्टूबर 2020: 3,917 झूठ
- 2 नवंबर (वोटिंग से एक दिन पहले): अकेले उस दिन 539 झूठे या भ्रामक दावे
“हमने ट्रेड से धमकाया”: ट्रंप का दावा और भारत की सख्त प्रतिक्रिया
ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को व्यापार रोकने की धमकी दी थी, जिससे सीजफायर हुआ। भारत ने इस बयान को खारिज करते हुए कहा कि इस दौरान किसी अमेरिकी अधिकारी से व्यापार पर कोई बात नहीं हुई थी।
कश्मीर पर भी ट्रंप की ‘मध्यस्थता’ की पेशकश
ट्रंप ने कश्मीर मसले पर भी मध्यस्थता की इच्छा जताई, जिसे भारत ने दो टूक खारिज कर दिया। भारत ने कहा कि “कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई जरूरत नहीं है।”
झूठ की राजनीति का चेहरा बने ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप का रिकॉर्ड दर्शाता है कि कैसे एक शक्तिशाली नेता के झूठ वैश्विक मामलों में भ्रम फैला सकते हैं। यह उनके भाषणों और ट्वीट्स में बार-बार देखा गया जब उन्होंने खुद अपने बयानों से पलटी मारी।