Kirori Lal Meena:राजस्थान में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले की सच्चाई अब एक नई उफान पर है, जब बेरोजगार युवाओं ने मंत्री किरोड़ीलाल मीणा(Kirori Lal Meena) के आवास पर धावा बोल दिया। यह युवाओं का एक सामूहिक आक्रोश है, और उनकी मांग है कि सब इंस्पेक्टर भर्ती को तुरंत रद्द किया जाए!
ये युवा कह रहे हैं कि एसओजी ने जांच में चौंकाने वाले फर्जीवाड़े के सबूत इकट्ठा कर लिए हैं, जो इस मामले की गंभीरता को उजागर करते हैं। एक युवा प्रदर्शनकारी, मनोज, ने कहा, “यह घोटाला 2021 में कांग्रेस के राज में हुआ था, जब हमारी आवाज को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया। अब हम भाजपा सरकार से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।”
सआई भर्ती परीक्षा रद्द की जाए!
कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा से न्याय की गुहार लगाते हुए युवाओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को रद्द किया जाए। उनका दावा है कि एसओजी को फर्जीवाड़े के सभी सबूत मिल चुके हैं, जिससे साबित होता है कि परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। युवाओं की मांग है कि गठित कमेटी इस भर्ती परीक्षा को रद्द करके उन्हें न्याय दे। वे यह भी चेतावनी दे रहे हैं कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक वे न्याय की गुहार लगाते रहेंगे।
सरकार ने गठित की 6 मंत्रियों की कमेटी
सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के खुलासे के बाद, सरकार ने परीक्षा को रद्द करने या नहीं करने के लिए 6 मंत्रियों की कमेटी का गठन किया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की घटनाएँ हुई हैं, और पूरा फर्जीवाड़ा अब सामने आ चुका है।
आरपीएससी के सदस्य भी हैं शामिल
इस मामले में आरपीएससी के सदस्यों का नाम भी सामने आया है, जो संलिप्त पाए गए हैं। कोर्ट की गाइडलाइन भी स्पष्ट है कि यदि किसी भर्ती परीक्षा में गोपनीयता भंग होती है, तो उसे रद्द किया जाना चाहिए। पूर्व कांग्रेस सरकार ने इस परीक्षा को रद्द करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया, जिसके चलते अब भाजपा सरकार से यह मांग की जा रही है कि सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को रद्द करके नए सिरे से आयोजित किया जाए।
कानूनी राय और सख्त कार्रवाई की जरूरत
अभ्यर्थियों का कहना है कि मामले में विधिक राय भी ली जा चुकी है, और अब सरकार की ओर से गठित कमेटी को सख्त फैसला लेना चाहिए। वे इस बात पर नाराज़ हैं कि अभी तक केवल औपचारिकता ही निभाई जा रही है। 2021 में हुई सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के कई खुलासे सामने आए हैं, जिसमें आरपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा और रामूराम राईका का नाम शामिल है, जिन्होंने अपने बेटे और बेटी को भी पेपर उपलब्ध करवाए। इस प्रकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है।