Crime News: राजस्थान के चौमूं के सबलपुरा गांव में हाल ही में नीलगायों के शिकार का मामला सामने आया था, जिसमें पांच नीलगायों को मारा गया था। इस मामले में पुलिस ने एक शिकारी को पकड़कर पूछताछ की, जिसके बाद टोंक के सदर थाना इलाके के हिस्ट्रीशीटर किशन बावरिया का नाम सामने आया। (Crime News)वह शिकार गैंग का सरगना बताया जा रहा है, और अब पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
नीलगाय शिकार मामले में किशन की भूमिका
चौमूं के सबलपुरा गांव में 8 जनवरी को हुए नीलगाय शिकार मामले में किशन बावरिया का नाम सामने आया। पुलिस ने पकड़े गए शिकारी से पूछताछ की, जिसमें उसने किशन को शिकार गैंग का मुख्य सरगना बताया। इसके बाद पुलिस ने किशन की तलाश शुरू कर दी। यह खुलासा तब हुआ जब ग्रामीणों ने शिकारियों को घेरकर एक को पकड़ लिया, जिससे यह जानकारी प्राप्त हुई।
शिकार गैंग का सरगना ऐश-ओ-आराम की जिंदगी जी रहा है
पुलिस की जांच के दौरान यह भी सामने आया कि किशन बावरिया काफी ऐश-ओ-आराम की जिंदगी जी रहा है। किशन के पास चंदलाई-अल्लापुरा रोड पर दो मंजिला आलीशान मकान है, जिसमें वह अपनी पत्नी के साथ रहता है। इसके अलावा, उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर मकान और थार गाड़ी की तस्वीरें भी हैं।
पुलिस का संयुक्त प्रयास किशन की तलाश में
टोंक पुलिस के एसपी विकास सांगवान ने बताया कि किशन की गिरफ्तारी के लिए कालाडेरा और टोंक सदर पुलिस की संयुक्त टीम काम कर रही है। शिकार गैंग ने 8 जनवरी को कालाडेरा के सबलपुरा गांव में नीलगायों का शिकार किया था। जैसे ही ग्रामीणों को इस बात की जानकारी मिली, उन्होंने शिकारियों को घेर लिया और एक बदमाश को पकड़ लिया, जिसने पूछताछ में किशन का नाम लिया।
किशन बावरिया की आपराधिक पृष्ठभूमि
टोंक सदर थानाधिकारी बृजमोहन कविया के अनुसार, किशन के खिलाफ पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें गौ अधिनियम और आर्म्स एक्ट शामिल हैं। पुलिस उसकी हिस्ट्रीशीट खोलने पर काम कर रही है। पहले किशन केवल सामान्य शिकारी था, लेकिन अब वह नीलगाय का शिकार कर इसे टोंक शहर से बाहर सप्लाई करता है। किशन ने शिकार के लिए एक पूरी गैंग बना ली है, और वह खुद उसका सरगना है।