Rajasthan Budget 2025: भजनलाल सरकार ने इस बार राजस्थान के बजट में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ग्रीन बजट की घोषणा की है। यह निर्णय राज्य के सतत विकास को प्राथमिकता देने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।(Rajasthan Budget 2025) इस बजट के तहत सभी विभागों को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे भविष्य में राज्य की विकास योजनाएं अधिक पर्यावरण-अनुकूल बन सकेंगी।
सड़क निर्माण पर नया रुख
राजनीतिक दृष्टि से, सरकारें अक्सर नए सड़क निर्माण की घोषणाओं को लोकलुभावन नीतियों के रूप में इस्तेमाल करती रही हैं। लेकिन भजनलाल सरकार ने ग्रीन बजट के तहत पुरानी सड़कों की मरम्मत को प्राथमिकता देने का फैसला किया है। यह कदम न केवल सरकारी खर्च को नियंत्रित करेगा, बल्कि व्यावहारिक और प्रभावी विकास नीतियों की ओर एक बड़ा संकेत भी देगा। इससे सरकार की नीतियों में गंभीरता और वास्तविकता की झलक मिलती है, जो जनता के बीच विश्वास को मजबूत कर सकती है।
मुफ्त योजनाओं पर सख्ती
राजनीतिक दलों में मुफ्त योजनाओं को लेकर अक्सर बहस होती रही है। बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों ने हमेशा मुफ्तखोरी की नीति की आलोचना की है। इस बार भजनलाल सरकार ने फ्री योजनाओं की परंपरा को खत्म करने का संकेत दिया है। हालांकि यह कदम कुछ वर्गों को नाराज कर सकता है, लेकिन इसका उद्देश्य संसाधनों का सही उपयोग और सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करना है।
महिलाओं और युवाओं के लिए नई योजनाएं
भजनलाल सरकार का ग्रीन बजट मुख्य रूप से युवाओं, महिलाओं और किसानों को समर्पित हो सकता है। इस बजट में—
युवाओं के लिए नई नौकरियों की घोषणा
महिलाओं के लिए आंगनबाड़ी मानदेय में वृद्धि
किसानों के लिए सोलर सब्सिडी की योजना
यह स्पष्ट संकेत देता है कि सरकार आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए इन महत्वपूर्ण वर्गों को साधने का प्रयास कर रही है।
बढ़ता कर्ज और रोजगार संकट
राजस्थान में बेरोजगारी और बढ़ते कर्ज की समस्या भजनलाल सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। मुख्यमंत्री ने पांच साल में 4 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया है, लेकिन बढ़ती बेरोजगारी दर इसे पूरा करने में एक बाधा बन सकती है। इस संकट से निपटने के लिए सरकार को व्यावहारिक और दीर्घकालिक नीतियों की आवश्यकता होगी, ताकि सिर्फ चुनावी वादे पूरे करने तक सीमित न रहकर राज्य का समग्र विकास भी सुनिश्चित किया जा सके।
वित्तीय चुनौतियां और कर्ज का दबाव
राजस्थान सरकार के सामने सबसे बड़ी वित्तीय चुनौती लगातार बढ़ता कर्ज है। राज्य पर पहले ही 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज हो चुका है। सरकार को यह साबित करना होगा कि वह इस कर्ज को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। आगामी बजट में इस वित्तीय संकट का समाधान भजनलाल सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा, क्योंकि यह राज्य की राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक भविष्य के लिए आवश्यक है।