14 साल पहले जो कहा, आज कर दिखाया – मोदी के ट्वीट से उठी देशभक्ति की लहर!

Tahawwur Rana:

Tahawwur Rana: 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के भारत प्रत्यर्पण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पुराना ट्वीट सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त वायरल हो रहा है। (Tahawwur Rana) यह ट्वीट वर्ष 2011 का है, जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस ट्वीट ने एक बार फिर लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या नरेंद्र मोदी वाकई एक दूरदर्शी नेता हैं।


2011 में मोदी ने जताई थी कड़ी आपत्ति

2011 में जब अमेरिकी अदालत ने तहव्वुर राणा को 26/11 हमलों में सीधे तौर पर दोषी नहीं माना, तब नरेंद्र मोदी ने एक्स (तत्कालीन ट्विटर) पर लिखा था:”अमेरिकी कोर्ट का तहव्वुर राणा को निर्दोष ठहराना भारत की संप्रभुता का अपमान है। यह हमारी विदेश नीति की एक बड़ी विफलता है।” उस समय मोदी का यह बयान तत्कालीन यूपीए सरकार की विदेश नीति पर सीधा हमला माना गया था।


सोशल मीडिया पर तारीफों की बौछार

अब जब तहव्वुर राणा भारत लाया जा चुका है, लोग उसी पुराने ट्वीट को शेयर कर प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता की सराहना कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा – “लीडर वही जो बातों को निभाए, कैप्टन माय कैप्टन!”
वहीं कई अन्य यूजर्स ने “मोदी है तो मुमकिन है” जैसे नारों के साथ यह ट्वीट साझा किया।


वर्षों की मेहनत का नतीजा है राणा का प्रत्यर्पण

भारत सरकार पिछले कई वर्षों से राणा को भारत लाने के प्रयास में जुटी थी। अमेरिकी अदालतों में मजबूत दलीलें रखी गईं, और भारत की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति तथा अमेरिका के साथ बेहतर संबंधों ने इस प्रक्रिया को संभव बनाया। अंततः 10 अप्रैल की शाम, राणा को अमेरिका से एक विशेष विमान द्वारा दिल्ली लाया गया और अब उसे 18 दिन की NIA हिरासत में रखा गया है।


डेविड हेडली ने खोला था राज़

तहव्वुर राणा का नाम सबसे पहले उसके बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली ने उजागर किया था। हेडली ने जांच एजेंसियों को बताया कि वह 2007 और 2008 के बीच भारत में पांच बार रेकी करने आया था, जिसमें राणा की मदद से उसे वीज़ा मिला था। इतना ही नहीं, राणा ने मुंबई में एक ऑफिस भी खोला था, जो आतंकियों की गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होता था। जांच में यह भी सामने आया कि हमले से कुछ दिन पहले राणा अपनी पत्नी के साथ ताज होटल में ठहरा था – वही होटल जो 26/11 हमलों का प्रमुख निशाना बना।

भारत की कड़ी आतंकवाद नीति का उदाहरण

तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण सिर्फ एक कानूनी सफलता नहीं, बल्कि यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत और अडिग नीति का स्पष्ट संकेत है। यह कदम न केवल न्याय की दिशा में बड़ी उपलब्धि है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति को भी दर्शाता है।

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