Pamban Vertical Lift Sea Bridge: भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल पुल, जो आधुनिक तकनीक और ऐतिहासिक विरासत का संगम है, अब बनकर तैयार है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल को इस ऐतिहासिक पंबन वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का उद्घाटन करेंगे।(Pamban Vertical Lift Sea Bridge) यह न केवल रामेश्वरम को तमिलनाडु की मुख्य भूमि से जोड़ेगा, बल्कि भारतीय रेलवे के लिए तकनीकी क्रांति का प्रतीक भी बनेगा। तो आइए जानते हैं कि यह 2.8 किमी लंबा अनोखा पुल किस तकनीक से बना, इसकी खासियतें क्या हैं, और यह कैसे बदलने जा रहा है भारतीय रेलवे का भविष्य!
100 स्पैन और एक नेविगेशनल स्पैन वाला अत्याधुनिक ब्रिज
पंबन वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज 100 छोटे स्पैन और एक बड़ा नेविगेशनल स्पैन के साथ तैयार किया गया है। हर स्पैन 18.3 मीटर का है, जबकि नेविगेशनल स्पैन 63 मीटर लंबा है। यह ब्रिज पुराने पंबन ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा बनाया गया है, जिससे समुद्री जहाज आसानी से नीचे से गुजर सकें।
नेविगेशनल एयर क्लीयरेंस: 22 मीटर
नई टेक्नोलॉजी: इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंट्रोल सिस्टम और ट्रेन कंट्रोल सिस्टम से इंटरलॉक
ऊर्जा दक्षता: काउंटरवेट मैकेनिज्म से बिजली की कम खपत
आधुनिक इंजीनियरिंग का चमत्कार
क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेन का पुल ऊपर उठ सकता है? पंबन वर्टिकल सी ब्रिज में यह संभव है! यह भारत का पहला ब्रिज है जो वर्टिकल लिफ्ट टेक्नोलॉजी से लैस है। इसमें ऐसा सिस्टम लगाया गया है कि जब समुद्र से कोई बड़ा जहाज गुजरेगा, तो ब्रिज का एक हिस्सा ऊपर उठाया जा सकेगा। यह तकनीक लंदन के प्रसिद्ध टॉवर ब्रिज जैसी है, लेकिन यह भारतीय रेलवे के लिए पहली बार इस्तेमाल हो रही है।
लंबाई: 2.8 किमी (6790 फीट)
लागत: 535 करोड़ रुपए
खासियत: बड़ा जहाज गुजरने के लिए पुल का हिस्सा ऊपर उठ सकता है
रामेश्वरम तक यात्रा होगी और आसान!
केवल 5 मिनट में मंडपम् से रामेश्वरम पहुंचिए! पहले लगते थे 25 मिनट! पंबन वर्टिकल सी ब्रिज मंडपम् को रामेश्वरम से जोड़ने वाला नया जीवन रेखा बन जाएगा। यह नया पुल ट्रेनों को 90 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ने की सुविधा देगा, जिससे यात्रियों का समय बचेगा और ट्रैफिक सुगम होगा। मालगाड़ियों की क्षमता भी बढ़ेगी
,श्रद्धालुओं को होगी सुविधा, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा…
पुराने पंबन ब्रिज से कितना अलग है नया ब्रिज?
1914 में बना पुराना पुल vs. 2024 का हाई-टेक वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज! 1914 में बना पुराना पंबन ब्रिज 110 सालों तक रामेश्वरम और तमिलनाडु की मुख्य भूमि को जोड़ने का एकमात्र साधन था। लेकिन समुद्र के खारे पानी के प्रभाव से यह कमजोर हो गया और 2022 में इसे बंद कर दिया गया।
नए ब्रिज की खूबियां:
बेहतर लोड कैपेसिटी – ज्यादा वजन सह सकता है
तेज रफ्तार ट्रेनें दौड़ेंगी – पहले से अधिक स्पीड ..सुरक्षित और आधुनिक तकनीक – इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल सिस्टम..नया पुल पुराने की तुलना में अधिक सुरक्षित और टिकाऊ है, जिससे रेल यातायात और पर्यटन दोनों को फायदा होगा!
विश्वस्तरीय ब्रिज से जुड़े रोचक तथ्य!
क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसे लंबा सी ब्रिज कहां है?
चीन में बना डेनयांग-कुशान ग्रैंड ब्रिज दुनिया का सबसे लंबा समुद्री ब्रिज है, जो 164.8 किमी लंबा है!
भारत में सबसे लंबा रेल पुल: बोगीबील ब्रिज, असम (4.94 किमी)
सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज: जम्मू-कश्मीर का चेनाब ब्रिज
लेकिन पंबन वर्टिकल सी ब्रिज अपनी तकनीकी विशेषताओं के कारण भारत का सबसे उन्नत समुद्री रेल ब्रिज है!
रामनवमी पर होगा भव्य उद्घाटन!
रामेश्वरम हिंदू श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र स्थान है। हर साल 25 लाख से ज्यादा लोग यहां रामनाथस्वामी मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। 6 अप्रैल को, राम नवमी के शुभ अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक ब्रिज का उद्घाटन करेंगे! रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम ने लंका जाने के लिए रामेश्वरम से एक सेतु (रामसेतु) का निर्माण किया था। इसी वजह से, राम नवमी पर इस आधुनिक ब्रिज का उद्घाटन करना विशेष रूप से ऐतिहासिक महत्व रखता है।
रेलवे के नए युग की शुरुआत!
भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज, न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह रेलवे और पर्यटन के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा। 90 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें…5 मिनट में मंडपम् से रामेश्वरम पहुंचने की सुविधा….बड़ा जहाज गुजरने के लिए ब्रिज का हिस्सा ऊपर उठ सकेगा..पर्यटन, व्यापार और रेलवे को जबरदस्त फायदा होगा…6 अप्रैल 2025 को जब पीएम मोदी इस ऐतिहासिक पुल का उद्घाटन करेंगे, तब यह भारतीय रेलवे के लिए एक नया युग शुरू करेगा!