Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हालिया हिंसा को लेकर राजनीतिक तनाव चरम पर है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता कुणाल घोष ने दावा किया कि यह हिंसा एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा हो सकती है, जिसमें केंद्रीय एजेंसियों, सीमा सुरक्षा बल (BSF) के कुछ अधिकारियों और चुनिंदा राजनीतिक दलों की संलिप्तता हो सकती है।(Murshidabad Violence) घोष ने कहा, “हमें कुछ इनपुट मिले हैं जो संकेत देते हैं कि यह एक बड़ी साजिश थी। कुछ उपद्रवियों ने सुनियोजित तरीके से इलाके में प्रवेश किया, अराजकता फैलाई और फिर उन्हें सुरक्षित रास्ते से बाहर निकलने दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।”
बंगाल को बदनाम करने की कोशिश
कुणाल घोष ने आगे आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल को बदनाम करने की एक गहरी साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि इस साजिश में बीएसएफ की मदद से कुछ हिंसक घटनाएं करवाई गईं ताकि विपक्षी दल, विशेषकर भाजपा, इसका राजनीतिक लाभ उठा सकें।
घोष ने दावा किया, “भाजपा की ओर से साझा की गई तस्वीरों में से कई दूसरे राज्यों की हैं, जिन्हें मुर्शिदाबाद की हिंसा के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। वे बंगाल के लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमारी सरकार और पार्टी राज्य में शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं।”
सुकांत मजूमदार का पलटवार
इस पूरे मामले पर केंद्रीय मंत्री और बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और यदि भाजपा सत्ता में आई, तो अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मजूमदार ने कलकत्ता हाईकोर्ट की उस विशेष पीठ की सराहना की जिसने मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि इससे स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिली है।
उन्होंने हिंदू समुदाय से लोकतांत्रिक तरीके से संगठित होकर आगामी विधानसभा चुनावों में भाग लेने की अपील की और कहा कि बंगाल को ‘बांग्लादेश बनने’ से रोकना जरूरी है।
क्या है पूरा मामला?
मुर्शिदाबाद जिले के मुस्लिम बहुल इलाकों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, 200 से अधिक हिंदू घरों में आगजनी हुई, महिलाओं के साथ छेड़खानी और बीएसएफ पर फायरिंग की घटनाएं सामने आई हैं।
अब तक करीब 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने समसेरगंज, धुलियान, सुती और अन्य संवेदनशील इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है।
भय और पलायन का माहौल
हिंसा के चलते लगभग 500 हिंदू परिवारों ने क्षेत्र से पलायन किया है। कुछ लोगों ने भागीरथी नदी पार कर मालदा में शरण ली, जबकि कुछ झारखंड की ओर चले गए।
इस बीच, फरक्का से TMC विधायक मनिरुल इस्लाम के भी पलायन की खबरें सामने आई हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर केंद्रीय बलों की 17 कंपनियां तैनात की गई हैं, जिनमें BSF की 9 और CRPF की 8 कंपनियां शामिल हैं।
उधर, बीजेपी सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मुर्शिदाबाद और आसपास के इलाकों में AFSPA (आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स एक्ट) लागू करने की मांग की है।