S Jaishankar interview: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने डच चैनल को दिए इंटरव्यू में भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका की मध्यस्था के दावे को साफ़ तौर पर खारिज किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मकसद धार्मिक उन्माद फैलाना था। जयशंकर ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को धार्मिक कट्टरता का प्रतीक बताया, जिनके कई बयान इस बात की पुष्टि करते हैं।
एस जयशंकर ने कहा कि उस समय अमेरिका सहित कई देशों से संपर्क था, लेकिन युद्ध विराम (सीजफायर) भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के बाद ही हुआ था। (S Jaishankar interview)उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका की मध्यस्था की कोई भूमिका नहीं थी।विदेश मंत्री ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिक मारे गए, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। यह हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने किया था, जिन्होंने हिंदू धर्म के आधार पर पीड़ितों को चुन-चुनकर निशाना बनाया।
अमेरिकी राष्ट्रपति के व्यापार आधारित समाधान का उल्लेख
जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में व्यापार वार्ता की भूमिका पर भी टिप्पणी की। उन्होंने बताया कि ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ बातचीत में अपने पीएम मोदी के साथ संबंधों पर जोर दिया और कहा कि व्यापार के माध्यम से दोनों देशों के बीच मसले सुलझाए गए।
ट्रंप का भारत-पाकिस्तान संबंधों पर सकारात्मक नजरिया
ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के बाद हालात सुधरे हैं। उन्होंने पाकिस्तान में कुछ अच्छे नेताओं का भी जिक्र किया और भारत को अपना मित्र बताया। ट्रंप ने माना कि संघर्ष की स्थिति बढ़ रही थी, लेकिन बातचीत ने तनाव को कम किया।