Exam scam: राजस्थान में सरकारी नौकरियों की साख पर एक और बड़ा दाग लग गया है। 2022 की वन रक्षक भर्ती परीक्षा में हुए पेपर लीक घोटाले का भंडाफोड़ करते हुए एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने कांग्रेस के एक बड़े नेता को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि कांग्रेस नेता ने 7 अभ्यर्थियों को 6-6 लाख रुपये में परीक्षा से पहले ही साल्व पेपर दिलवा दिया।(Exam scam) इस सौदे के बदले में रकम सिलेक्शन के बाद दी गई।
अब तक की जांच में दो महिला वन रक्षकों की भी संलिप्तता सामने आई है, जो पेपर खरीदकर सरकारी नौकरी पाने में सफल हो गई थीं। एसओजी ने इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया है। इस खुलासे के बाद राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
कांग्रेस नेता बना पेपर माफिया! 6 लाख में बिके सरकारी पद
एसओजी ने दो दिन पहले पूर्व कांग्रेस पार्षद नरेश देव सारण उर्फ एन.डी. सारण को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि उसने 7 अभ्यर्थियों को वन रक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर बेचा। इस सौदे की रकम सिलेक्शन के बाद 6-6 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी तय की गई थी।
इस मामले में एसओजी ने दो महिला वन रक्षकों को भी गिरफ्तार किया है, जो पेपर खरीदकर परीक्षा पास करने के बाद सरकारी नौकरी कर रही थीं।
इनोवा कार बना चलता-फिरता परीक्षा सेंटर!
पेपर लीक का तरीका किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं था। कांग्रेस नेता एन.डी. सारण ने अपने ड्राइवर कवराराम के जरिए सातों अभ्यर्थियों को एक इनोवा गाड़ी में बिठाकर उदयपुर ले जाया।
गाड़ी में ही पेपर का खेल खेला गया –
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एन.डी. सारण ने मोबाइल के जरिए साल्व पेपर ड्राइवर को भेजा।
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गाड़ी में पहले से मौजूद प्रिंटर से पेपर का प्रिंट निकालकर सभी अभ्यर्थियों को दिया गया।
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परीक्षा से ठीक पहले अभ्यर्थियों को पूरे उत्तर रटवाए गए।
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डील के तहत, सिलेक्शन के बाद 6 लाख रुपये कांग्रेस नेता और मुख्य आरोपी हरीश सारण को दिए गए।
यानी सरकारी नौकरी योग्यता से नहीं, पैसों से तय हो रही थी!
पेपर लीक कर बनीं सरकारी कर्मचारी, अब गईं जेल!
पेपर लीक घोटाले में पकड़ी गई दोनों महिला वन रक्षक –
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सीमा कुमारी (बालोतरा वन रेंज में तैनात, निवासी चौधरियों का वास, रमणीया सिवाना)
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टिमो कुमारी (चौहटन वन रेंज में तैनात, निवासी जादूओं का तला, चौहटन)
जांच में सामने आया कि दोनों ने पेपर लीक के जरिए परीक्षा पास की और सरकारी नौकरी हासिल की। एसओजी ने पूछताछ के बाद इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
भर्ती घोटाले का असली मास्टरमाइंड अभी भी फरार!
इस घोटाले का मुख्य आरोपी हीराराम उर्फ हरीश सारण अभी भी एसओजी की गिरफ्त से बाहर है। जांच एजेंसी अब उसकी तलाश में जुटी हुई है।
इस मामले ने एक बार फिर राजस्थान की सरकारी भर्तियों की विश्वसनीयता को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मेहनत करने वाले हजारों अभ्यर्थियों के सपने इस तरह की धांधली की भेंट चढ़ रहे हैं, और असली काबिल उम्मीदवारों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है।
अब बड़ा सवाल यह है –
क्या एसओजी इस घोटाले के असली मास्टरमाइंड तक पहुंच पाएगी?
क्या सरकार पेपर लीक माफियाओं पर कोई कड़ी कार्रवाई करेगी?
कब तक पैसे के दम पर सरकारी नौकरियां बेची जाती रहेंगी?
राजस्थान में यह कोई पहला पेपर लीक घोटाला नहीं है। लेकिन क्या यह आखिरी होगा? या फिर अगली भर्ती परीक्षा में एक नया पेपर लीक स्कैम तैयार होगा?