थाईलैंड में छाई एंजिला स्वामी, मिसेज यूनिवर्स 2025 बनकर बीकानेर और भारत का नाम किया रोशन!

Mrs. Universe 2025:

Mrs. Universe 2025: यह कोई पहली बार नहीं है जब एंजिला स्वामी ने सफलता का परचम लहराया है। इससे पहले भी उन्होंने अपनी प्रतिभा, आत्मविश्वास और मेहनत के दम पर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई थी। मिसेज इंडिया ऑरा ग्लोबल 2024 (Mrs. India Aura Global 2024) का खिताब जीतकर उन्होंने खुद को एक सशक्त और प्रेरणादायक महिला के रूप में स्थापित किया था। (Mrs. Universe 2025)अब मिसेज यूनिवर्स 2025 का ताज जीतकर उन्होंने वैश्विक मंच पर भारत का नाम रौशन किया है। उनकी इस उपलब्धि से न केवल बीकानेर बल्कि पूरे देश में गर्व और उत्साह की लहर दौड़ गई है।

परिवार का सहयोग बना सफलता की सीढ़ी

सपनों को हकीकत में बदलने के लिए मेहनत जरूरी होती है, लेकिन जब परिवार का साथ मिले, तो रास्ते आसान हो जाते हैं। एंजिला स्वामी अपनी इस ऐतिहासिक जीत का श्रेय अपने परिवार को देती हैं। उनके पति हेमंत स्वामी, जो वर्तमान में एनटीपीसी नागपुर में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं, ने हर कदम पर उनका साथ दिया। इसके अलावा, उनके पिता सत्यनारायण स्वामी और ससुर सूर्यनारायण स्वामी ने भी उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। एंजिला मानती हैं कि जब अपनों का समर्थन और खुद पर विश्वास हो, तो दुनिया की कोई भी चुनौती बड़ी नहीं लगती।

‘कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं’ – एंजिला स्वामी की प्रेरणादायक सोच

आज सौंदर्य प्रतियोगिताएं सिर्फ बाहरी खूबसूरती तक सीमित नहीं रह गई हैं, बल्कि इसमें बुद्धिमत्ता, आत्मविश्वास, संवाद कौशल और व्यक्तित्व को भी परखा जाता है। एंजिला ने अपनी कुशाग्रता और बेहतरीन प्रस्तुति के दम पर यह सिद्ध कर दिया कि बीकानेर जैसे सांस्कृतिक शहर की महिलाएं भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी छाप छोड़ सकती हैं। उनकी जीत उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रयासरत हैं। उनका स्पष्ट संदेश है—
“अगर आत्मविश्वास, समर्पण और मेहनत हो, तो दुनिया का कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है!”

बीकानेर में खुशी की लहर, शहरभर में जश्न का माहौल

एंजिला की ऐतिहासिक जीत के बाद बीकानेर में जश्न का माहौल है। पूरे शहर में खुशी की लहर दौड़ गई है और लोग उनकी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं। विभिन्न संगठनों और संस्थाओं ने उन्हें सम्मानित करने की घोषणा की है। यह जीत सिर्फ एंजिला की नहीं, बल्कि पूरे बीकानेर और भारत की है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर कोई व्यक्ति अपने सपनों को पाने के लिए पूरी शिद्दत से मेहनत करे, तो वह वैश्विक मंच पर भी अपनी पहचान बना सकता है।

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