मणिशंकर अय्यर के बयान से कांग्रेस में उबाल, गहलोत ने कहा….”यह शर्मनाक और निंदनीय!”

Ashok Gehlot

Ashok Gehlot: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के राजीव गांधी को लेकर दिए विवादित बयान पर जोरदार हमला बोला। जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत ने कहा, “राजीव गांधी जैसे नेता के बारे में इस तरह की बातें करना निंदनीय है। (Ashok Gehlot)मणिशंकर अय्यर अब कांग्रेस की मूल विचारधारा से भटक चुके हैं।”

‘राजीव गांधी पर सवाल उठाने वाले अपनी स्थिति देखें’

गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी आधुनिक भारत के निर्माता थे, जिन्होंने डिजिटल क्रांति, संचार व्यवस्था और युवा भारत की नींव रखी। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “अय्यर को सोचना चाहिए कि उनकी खुद की राजनीतिक स्थिति क्या है और वे किस आधार पर राजीव गांधी जैसे महान नेता पर सवाल उठा रहे हैं?”

‘कांग्रेस को अय्यर जैसे नेताओं से दूरी बनानी चाहिए’

अशोक गहलोत ने इशारों-इशारों में कांग्रेस नेतृत्व को भी नसीहत देते हुए कहा कि “ऐसे बयानों से पार्टी की छवि खराब होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को “ऐसे नेताओं से खुद को अलग करना चाहिए, जो पार्टी की मूल विचारधारा और ऐतिहासिक नेताओं पर इस तरह के बयान देते हैं।”

‘पाकिस्तान को लेकर अय्यर के बयान खतरनाक’

गहलोत ने अय्यर के पाकिस्तान संबंधी बयानों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान और भारत को एक ही तराजू में तौलना समझदारी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक है।” उन्होंने कहा कि “देश की संप्रभुता के खिलाफ बयानबाजी करना अस्वीकार्य है।”

‘राजीव गांधी को बदनाम करने की साजिश?’

गहलोत ने कहा कि “बीजेपी और आरएसएस ने हमेशा कांग्रेस नेताओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, लेकिन अब जब कांग्रेस के ही कुछ नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि “राजीव गांधी ने जिस भारत के निर्माण का सपना देखा था, उसे खराब करने की कोशिश की जा रही है।”

‘अय्यर को पार्टी से निष्कासित किया जाए’

गहलोत ने कहा कि अगर मणिशंकर अय्यर को अपने बयानों पर खेद नहीं है, तो कांग्रेस को इस मामले में सख्त कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि “पार्टी को ऐसे नेताओं को निष्कासित करने पर विचार करना चाहिए, जो बिना किसी तर्क के कांग्रेस के ऐतिहासिक नेताओं के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।”

गहलोत के इस बयान के बाद अब कांग्रेस आलाकमान पर भी दबाव बढ़ गया है कि वह मणिशंकर अय्यर के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठाए। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस पूरे विवाद पर क्या रुख अपनाती है।

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