लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने जिला परिषद सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में विभिन्न कार्यों और योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना था। बैठक में कोटा कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी और बूंदी कलेक्टर अक्षय गोदारा भी उपस्थित रहे। बिरला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी योजनाओं की जानकारी और प्रगति परखने के लिए पहले से एक सुव्यवस्थित डाटा तैयार किया जाए।
सड़कों की स्थिति पर कड़ी टिप्पणी
बिरला ने गांवों में सड़कों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “गांव की सड़कों में गड्ढे अब नहीं दिखना चाहिए। संबंधित अधिकारियों से पहले बाइक से विजिट करवाई जाए, ताकि वास्तविकता का पता चले।” उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता को लेकर गंभीर हैं और अधिकारियों की कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं।
जनसुनवाई और समस्याओं का समाधान
बिरला ने उपखंड अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सप्ताह में एक बार जनसुनवाई करें और प्राप्त शिकायतों का संवेदनशीलता से निस्तारण करें। उन्होंने कहा, “शासन-प्रशासन को जवाबदेही से कार्य करना होगा, ताकि आमजन की समस्याओं का समाधान किया जा सके।” यह निर्देश यह दर्शाता है कि बिरला आम जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दे रहे हैं और उन्हें सुनने का अवसर प्रदान कर रहे हैं।
बैठक में कृषि योजनाओं, फसल बीमा, और चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति पर भी चर्चा हुई। बिरला ने किसानों को नई फसल किस्मों और फसल बीमा की जानकारी देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि “किसानों को यह समझाना आवश्यक है कि फसल बीमा करवाना अनिवार्य नहीं बल्कि ऐच्छिक है।” इसके अलावा, उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि किसानों को उनकी फसल के खराबे के बारे में पूरी जानकारी मिले।