बजट से पहले बड़ा खुलासा! राजस्थान पर 6.40 लाख करोड़ का कर्ज, अब क्या करेगी सरकार?

0
Rajasthan Economy

Rajasthan Economy: राजस्थान की अर्थव्यवस्था पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। आर्थिक विशेषज्ञ और चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज घीया के अनुसार, राज्य पर वर्तमान में 6.40 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, जो प्रदेश की वित्तीय स्थिति के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। (Rajasthan Economy)इस कर्ज के कारण राजस्व संग्रह का 14% हिस्सा केवल ब्याज चुकाने में चला जाता है। अगर इसे प्रति व्यक्ति आधार पर देखें तो हर राजस्थानवासी पर औसतन 80,000 रुपये का कर्ज है।

राज्य की जीडीपी का 39% हिस्सा कर्ज से जुड़ा, लिमिट के करीब राजस्थान

वित्तीय आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान की GDP का 39% हिस्सा कर्ज से लिंक है, जो एक गंभीर स्थिति को दर्शाता है। केंद्र सरकार द्वारा तय कर्ज सीमा के बेहद करीब होने के कारण, अगर राज्य और अधिक लोन लेता है तो ओवरड्राफ्ट लिमिट (OD Limit) फ्रीज होने की संभावना है। अगर ऐसा हुआ तो राज्य की विकास परियोजनाओं पर सीधा असर पड़ेगा

क्या कर्ज विकास के लिए जरूरी है? विशेषज्ञों की राय

कर्ज को लेकर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। पंकज घीया का मानना है कि कर्ज लेना गलत नहीं है, अगर इसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए। कर्ज का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़क, बिजली, पानी, और विकास योजनाओं में किया जाए, तो इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है। हालांकि, अगर कर्ज का बड़ा हिस्सा केवल ब्याज चुकाने में ही चला जाए, तो यह भविष्य में वित्तीय संकट को और गहरा कर सकता है।

बढ़ता ब्याज, घटता विकास: विकास योजनाओं पर संकट?

अगर राजस्थान सरकार कर्ज लेती रही और ब्याज भुगतान का अनुपात 14% से बढ़कर 18-19% तक पहुंच जाता है, तो यह राज्य की आर्थिक स्थिरता के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है। अगर सरकार हर 1 रुपये के टैक्स कलेक्शन में से 15-19 पैसे केवल ब्याज में देने लगेगी, तो कई विकास योजनाओं पर रोक लग सकती है।

भाजपा सरकार पर विपक्ष का वार: “इतना कर्ज पहले कभी नहीं लिया”

विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर कर्ज को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि भाजपा सरकार ने अब तक का सबसे अधिक कर्ज लिया है। उन्होंने कहा, “जब हमारी सरकार ने कर्ज लिया था, तब भाजपा ने खूब आलोचना की थी। लेकिन अब इन्होंने खुद इतना कर्ज ले लिया है, जितना पहले कभी नहीं हुआ।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में जितना कर्ज लिया गया, वह पिछले 65 वर्षों में भी नहीं लिया गया था

क्या बजट 2025 में कर्ज संकट से निपटने की कोई रणनीति होगी?

राजस्थान की भजनलाल सरकार अब बजट 2025 पेश करने जा रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार कर्ज संकट से उबरने के लिए कोई ठोस नीति बनाएगी या फिर कर्ज का यह पहाड़ और ऊंचा होता जाएगा?

क्या सरकार वित्तीय संतुलन बनाए रख पाएगी या राजस्थान की आर्थिक स्थिति और बिगड़ेगी?
क्या इस बार के बजट में आम जनता को राहत मिलेगी या कर्ज का दबाव और बढ़ेगा?
राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए सरकार क्या नई रणनीति अपनाएगी?

सभी की नजरें अब राजस्थान के आगामी बजट पर टिकी हैं!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here