APAAR ID: राजस्थान शिक्षक संघ ने APAAR ID पर उठाई आपत्ति! शिक्षकों को ‘बेगार प्रथा’ से मुक्त करने की मांग

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APAAR ID: दीपावली अवकाश के बाद विद्यालय खुलने के साथ ही शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को फिर से शैक्षिक कार्यों से हटाकर गैर शैक्षिक कार्यों में झोंक दिया है। (APAAR ID) विभाग के निर्देशों के अनुसार, सभी छात्रों की APAAR ID बनाने के आदेश दिए गए हैं, और शिक्षकों को शत-प्रतिशत बालकों की आईडी बनाने के लिए दबाव डाला जा रहा है। इस कार्य के लिए अभिभावकों की लिखित सहमति की आवश्यकता है, जिससे यह कार्य और भी जटिल हो गया है। राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने विभाग के इन निर्देशों की कड़ी आलोचना की है और शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों से मुक्त करने की मांग की है।

विभाग के विरोधाभासी निर्देशों से शिक्षकों में असमंजस

राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) का कहना है कि सरकार के विरोधाभासी निर्देश शिक्षकों को मानसिक, नैतिक और भावनात्मक रूप से कमजोर कर रहे हैं। शिक्षकों को धमकाया जा रहा है कि शत प्रतिशत छात्रों की APAAR ID बनाई जाए, जबकि यह कार्य अधूरी सहमति के साथ और असंभव है। संघ का कहना है कि ऐसे निर्देश न केवल शिक्षकों की कार्यक्षमता को प्रभावित करते हैं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।

APAAR ID बनाने के लिए शिक्षकों की आवश्यकता नहीं

राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने बताया कि बच्चों की APAAR ID बनाने के लिए लाखों शिक्षकों को इस कार्य में लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि शाला दर्पण पर पहले से ही सभी छात्रों की पूरी जानकारी विभाग के पास मौजूद है। संघ का मानना है कि विभाग का तकनीकी स्टाफ इस कार्य को आसानी से कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के माध्यम से कर सकता है, और शिक्षकों को इस कार्य में शामिल करना शिक्षा के लिए हानिकारक है।

बेगार प्रथा से मुक्ति की आवश्यकता

राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने एक बार फिर शिक्षकों से बेगार प्रथा के इस बोझ को उतारने का आह्वान किया है। संघ का कहना है कि शिक्षक समुदाय को स्वयं इस पर कदम उठाकर गैर शैक्षिक कार्यों से मुक्त होना होगा, क्योंकि इसके लिए कोई बाहरी हस्तक्षेप या मसीहा नहीं आएगा।

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