CongoFever: जोधपुर शहर के नजदीक स्थित नांदड़ा कला गांव की एक 51 वर्षीय महिला की अहमदाबाद में उपचार के दौरान मौत हो गई है। महिला को 30 सितंबर को तबीयत बिगड़ने पर जोधपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद चार दिन पहले उसे अहमदाबाद शिफ्ट किया गया। अहमदाबाद से लिए गए सैंपल पुणे लैब भेजे गए, जहां कांगो फीवर (CongoFever)की पुष्टि हुई।
स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट
महिला की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। विभाग की ओर से महिला के गांव में मेडिकल टीम भेज दी गई है। महिला के परिजनों के सैंपल भी लिए जा रहे हैं और पूरे गांव में सर्वे शुरू कर दिया गया है।
2019 में भी सामने आया था मामला
यह पहली बार नहीं है जब जोधपुर में कांगो फीवर का मामला सामने आया हो। इससे पहले 2019 में भी कांगो फीवर के दो मरीजों की मौत हो चुकी थी। इस साल का यह पहला मामला सामने आने के बाद से स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं।
क्या है कांगो फीवर?
कांगो फीवर एक विषाणु जनित रोग है, जो कि हिमोरल नामक परजीवी से फैलता है। यह परजीवी आमतौर पर पशुओं की त्वचा पर पाया जाता है, जिससे पशुओं के संपर्क में आने वाले लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं।
इस बीमारी के संक्रमण से मरीज को तेज बुखार, चक्कर, मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। संक्रमण गंभीर होने पर मरीज की मृत्यु भी हो सकती है।
कांगो फीवर के लक्षण
- तेज बुखार
- मांसपेशियों में दर्द
- आंखों में जलन और रोशनी से डर
- चक्कर और उल्टी
- प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से गिरावट
कांगो फीवर से बचाव के उपाय
इस बीमारी से बचने के लिए पशुपालन से जुड़े लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। संक्रमित पशुओं से दूरी बनाए रखना और स्वच्छता का ध्यान रखना इस बीमारी से बचाव के प्रमुख उपाय हैं