India-Pakistan Tensions: दिल्ली में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह के बीच एक अत्यंत महत्वपूर्ण और गोपनीय बैठक हुई। यह बैठक पहलगाम आतंकी हमले के बाद की रणनीतिक प्रतिक्रिया का हिस्सा मानी जा रही है।(India-Pakistan Tensions) बीते 48 घंटों में प्रधानमंत्री तीनों सेनाओं के प्रमुखों से अलग-अलग मुलाकात कर चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई की रणनीति पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
लगातार बैठकें और खुली छूट: निर्णायक कदम की ओर भारत
प्रधानमंत्री मोदी की यह रणनीतिक कवायद शुक्रवार को शुरू हुई जब नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने उनसे एक घंटे की गोपनीय चर्चा की। इससे पहले 26 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाध्यक्षों के साथ डेढ़ घंटे की मैराथन बैठक हो चुकी है। उस बैठक में ही प्रधानमंत्री ने सेना को पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की पूर्ण स्वतंत्रता दे दी थी।
पाकिस्तान में हलचल: 80 फाइटर जेट्स फॉरवर्ड बेस पर
भारत की रणनीति से घबराए पाकिस्तान ने अपने 80 लड़ाकू विमानों को फॉरवर्ड एयरबेस पर तैनात कर दिया है। सीमा पर सेना की गतिविधियों में तेजी आ गई है और पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी लगातार अग्रिम चौकियों का दौरा कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों ने चेताया है कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को अतिरिक्त हथियार और फंडिंग मुहैया करा रहा है।
भारत का अगला कदम क्या हो सकता है?
सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि भारत 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक की तर्ज पर एक बार फिर आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है। कुछ जानकारों का यह भी मानना है कि भारत साइबर वॉरफेयर के जरिये भी पाकिस्तानी आतंकी नेटवर्क को निशाना बना सकता है। एक बात निश्चित है—इस बार भारत केवल चेतावनी देने तक सीमित नहीं रहेगा।
संदेश स्पष्ट है: अब शब्द नहीं, कार्रवाई होगी
लगातार हो रही उच्च स्तरीय बैठकों से यह स्पष्ट है कि भारत पाकिस्तान को एक कठोर जवाब देने की तैयारी में है। पहलगाम हमले के बाद भारत की रणनीति में निर्णायक बदलाव देखने को मिल रहा है—यह अब कूटनीतिक नहीं, सैन्य प्रतिक्रिया का संकेत है।