Cyber Crime: साइबर अपराध को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार अभियान चला रही हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं।(Cyber Crime) राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में पहली बार एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां ठगों ने एक व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट कर 6.57 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित को ठगी का अहसास होने के बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
व्हाट्सएप वीडियो कॉल से शुरू हुआ ठगी का जाल
पुलिस के अनुसार, पीड़ित मोहम्मद शाहिद खान पठान (निवासी गाजीपुरा पृथ्वीगंज) ने शिकायत दर्ज कराई कि कुछ दिन पहले उसे व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आया। कॉल पर मौजूद व्यक्ति ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए कहा कि वह आतंकवादी फंडिंग और यौन शोषण के मामले में फंसा हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए ठग ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट करने की बात कही और धमकी दी कि वह फोन काट नहीं सकता, वरना उसे सजा भुगतनी होगी।
तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट, बैंक खाते से उड़ाए लाखों रुपये
आरोपी ने पीड़ित को तीन घंटे तक वीडियो कॉल पर रखा और इस दौरान उसे बैंक खाते, बैंक डायरी, चेक बुक और आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी साझा करने के लिए मजबूर किया। ठगों ने आरटीजीएस के जरिए 6,57,047 रुपये ट्रांसफर करवाए।
10 लाख की और मांग, न देने पर दी 10 साल की सजा की धमकी
ठगों ने इसके बाद 10 लाख रुपये और मांगे। जब पीड़ित ने पैसे देने से इनकार किया, तो उसे 10 साल की सजा और यातनाएं देने की धमकी दी गई। इसके बाद साइबर ठगों ने व्हाट्सएप चैट डिलीट कर कॉल काट दिया।
पुलिस जांच में जुटी, ठगों की तलाश जारी
ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने पुलिस में मामला दर्ज कराया और अपनी राशि वापस दिलाने की गुहार लगाई। मामले की जांच शहर कोतवाली थानाधिकारी देवीलाल मीणा को सौंपी गई है। यह घटना साइबर सुरक्षा को लेकर एक गंभीर चेतावनी है। लोगों को सतर्क रहने और अनजान कॉल व संदिग्ध लिंक से बचने की जरूरत है।


































































