जैसलमेर में ट्यूबवेल खुदाई के दौरान धरती से बेहिसाब पानी और गैस का रिसाव, विशेषज्ञ हैरान

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Rajasthan News: जैसलमेर जिले के बाहला गांव में 28 दिसंबर की सुबह ट्यूबवेल खुदाई के दौरान धरती के नीचे से अचानक भारी मात्रा में पानी और गैस का रिसाव हुआ। (Rajasthan News)इस घटना ने सभी को चौंका दिया। तेज पानी के प्रवाह ने खुदाई के लिए लाई गई मशीन और ट्रक को भी जमीन के नीचे समा दिया।

29 दिसंबर को बंद हुआ पानी और गैस का रिसाव

रिसाव की घटना 29 दिसंबर की रात 11 बजे अचानक बंद हो गई। जिला प्रशासन ने तुरंत इस घटना को गंभीरता से लेते हुए ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) की क्राइसिस मैनेजमेंट टीम (CMT) को घटनास्थल पर बुलाया।

ONGC की टीम ने किया निरीक्षण

ONGC की बड़ोदरा स्थित CMT टीम 31 दिसंबर को जैसलमेर पहुंची और घटनास्थल का मुआयना किया। टीम ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट जिला कलेक्टर प्रताप सिंह को सौंप दी।

ट्यूबवेल खुदाई की गहराई और चौड़ाई में हुई थी लापरवाही

रिपोर्ट में बताया गया कि बिना सुरक्षा मानकों का पालन किए, 14 इंच चौड़े बोर में 735 फीट तक खुदाई की गई थी। इस प्रक्रिया के दौरान अचानक पानी और गैस का रिसाव शुरू हुआ, जिसने 14 इंच के होल को 35 मीटर चौड़ा कर दिया।

मशीन और ट्रक जमीन में समाए

तेज प्रवाह के कारण ट्यूबवेल मशीन और ट्रक पूरी तरह गड्ढे में समा गए। वर्तमान में मशीन का केवल 18 फीट हिस्सा गड्ढे के ऊपर दिखाई दे रहा है। आसपास का क्षेत्र धूल, मिट्टी, और कीचड़ से भर चुका है।

पानी और गैस का रिसाव फिर शुरू होने की संभावना

ONGC की रिपोर्ट के अनुसार, बोरिंग मशीन को निकालने का प्रयास रिसाव को फिर से शुरू कर सकता है। टीम ने सुझाव दिया कि घटनास्थल पर किसी भारी वाहन या क्रेन का उपयोग न किया जाए, क्योंकि इससे जमीन और धंस सकती है।

गड्ढे की निगरानी की जाएगी 2-3 महीने तक

ONGC की टीम ने सलाह दी है कि गड्ढे को पूरी तरह से पैक कर 2-3 महीने तक निगरानी में रखा जाए। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर का बयान: भारी मशीनरी ले जाना खतरनाक

जैसलमेर के जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि फिलहाल घटनास्थल को यथास्थिति में रखा गया है। भारी क्रेन या अन्य उपकरण ले जाना खतरनाक हो सकता है। इससे रिसाव फिर शुरू हो सकता है या क्रेन भी जमीन में धंस सकती है।

स्थानीय निवासियों के लिए चेतावनी

घटनास्थल के आसपास लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों को चेतावनी दी है कि वे गड्ढे के पास जाने से बचें, क्योंकि जमीन धंसने का खतरा अभी भी बना हुआ है।

भविष्य में सुरक्षा मानकों पर जोर

यह घटना भूगर्भीय सुरक्षा के महत्व को दर्शाती है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि भविष्य में ट्यूबवेल खुदाई जैसे कार्यों में सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

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