No-Detention Policy: केंद्र सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए कक्षा 5 और 8 के विद्यार्थियों के लिए ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ को समाप्त कर दिया है। ( No-Detention Policy)अब इन कक्षाओं में फेल होने वाले विद्यार्थियों को अगली कक्षा में स्वतः प्रोन्नति नहीं मिलेगी। इस फैसले का उद्देश्य विद्यार्थियों के अध्ययन के प्रति गंभीरता को बढ़ाना और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
शिक्षामंत्री मदन दिलावर का बयान:
शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक और दूरदर्शी बताया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि विद्यार्थियों में जिम्मेदारी और अध्ययन के प्रति गंभीरता का विकास होगा। इससे भारतीय शिक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा मिलेगी।
नई परीक्षा व्यवस्था:
केंद्र सरकार के इस निर्णय के तहत, अब विद्यार्थी साल की अंतिम परीक्षा में फेल होने पर दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा देंगे। अगर वे फिर से फेल होते हैं, तो उन्हें वही कक्षा दोहरानी होगी। हालांकि, शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि प्राथमिक शिक्षा पूरी करने से पहले कोई विद्यार्थी स्कूल से बाहर नहीं निकाला जाएगा।
राज्यों की राय:
केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक में 28 में से 23 राज्यों ने ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ को समाप्त करने का समर्थन किया था। इन राज्यों का मानना था कि यह नीति विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार नहीं करती और कक्षा 10 में फेल होने वालों की संख्या बढ़ जाती है। कई राज्य जैसे मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, कर्नाटक और दिल्ली ने पहले ही इस नीति का विरोध किया था और फेल विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं करने का निर्णय लिया था।