Thakur Shri Govinddevji: जयपुर के आराध्य देव ठाकुर श्री गोविंददेवजी मंदिर (Thakur Shri Govinddevji) में दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी, लेकिन जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष ने 1 नवंबर को दीपावली मनाने का ऐलान किया है। महासंघ का कहना है कि 31 अक्टूबर को दिवाली मनाने से व्यापारियों को नुकसान होगा, क्योंकि इसके अगले दिन दुकानों और प्रतिष्ठानों को बंद रखना पड़ेगा और कर्मचारी छुट्टी पर चले जाएंगे। इस निर्णय के खिलाफ तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जिसमें महासंघ पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ठाकुर श्री गोविंददेवजी को धोखा देते हुए चंद पैसों के लिए परंपरा तोड़ी है।
परंपरा का उल्लंघन
जयपुर के प्रमुख मंदिरों, जैसे ठिकाना मंदिर श्री गोविंददेवजी, श्री गोपीनाथजी, श्री राधादामोदर जी, और अन्य कई प्राचीन मंदिरों में दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाती है। इस परंपरा को तोड़ने का निर्णय व्यापार महासंघ द्वारा क्यों लिया गया, यह सवाल उठ रहा है। महासंघ के अध्यक्ष श्री सुभाष गोयल को इस निर्णय के लिए जवाब देना चाहिए कि उनकी निष्ठा जयपुर के प्राचीन तीर्थों और आराध्य देवों के प्रति है या नहीं।
व्यापार महासंघ की आलोचना
जयपुर व्यापार महासंघ, जो हमेशा धर्म की धुरी रहा है, अब चंद पैसों के पीछे जयपुर के समस्त मंदिरों का अपमान कर रहा है। दीपावली पर्व को गलत तरीके से मनाने से व्यापारियों को कितना लाभ होगा, यह तो भविष्य में ही पता चलेगा।
धनतेरस पर भ्रम
धनतेरस भी 29 अक्टूबर को है, लेकिन महासंघ भ्रम फैला रहा है कि यह दो दिन है। अगर महासंघ को इसी तरह के फैसले लेने हैं, तो फिर मंदिरों और पंचांगों की जरूरत क्यों है? क्या व्यापार महासंघ को हर छुट्टी और पर्व का निर्णय अपनी सुविधानुसार लेना चाहिए?
31 अक्टूबर को दीपावली मनाने वाले प्रमुख मंदिरों की सूची
- ठिकाना मंदिर श्री गोविंददेवजी
- ठिकाना मंदिर श्री गोपीनाथजी
- ठिकाना मंदिर श्री राधादामोदर जी
- श्री झारखंड महादेव
- श्री शिला माता
- श्री गढ़ गणेश जी
- श्री सरसनिकुंज
- और अन्य 110 मंदिर…
इस मामले पर जयपुरवासियों में आक्रोश है, और सभी की निगाहें जयपुर व्यापार महासंघ पर हैं कि वे इस विवाद का समाधान कैसे निकालेंगे।