Raksha Bandhan 2025: इस वर्ष रक्षाबंधन 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह पर्व अत्यंत शुभ संयोग लेकर आया है. इस बार भद्रा का साया नहीं रहेगा, जिससे दिन भर राखी बांधने के लिए शुभ समय उपलब्ध रहेगा. भद्रा रहित रक्षाबंधन का पर्व अत्यधिक फलदायी माना जाता है.
रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का वह त्योहार है जो भाई-बहन के रिश्ते को और अधिक प्रगाढ़ बनाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं (Raksha Bandhan 2025) और उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. बदले में भाई जीवन भर उसकी रक्षा करने का संकल्प लेते हैं. यह केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से गहरे संबंधों की अभिव्यक्ति है.
भद्रा समाप्त, पूरे दिन रहेगा शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पं अक्षय शास्त्री के अनुसार, भद्रा का प्रभाव 8 अगस्त रात 1:55 बजे तक समाप्त हो जाएगा। इसका अर्थ है कि 9 अगस्त को सूर्योदय के समय से पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ रहेगा।
जानिए राखी बांधने के श्रेष्ठ मुहूर्त
राखी बांधने के लिए प्रातः 7:00 बजे से 9:30 बजे तक का समय अत्यंत उत्तम है। जो लोग देर से त्योहार मनाना चाहते हैं, उनके लिए अभिजीत मुहूर्त—11:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक—भी उपयुक्त है।
रक्षाबंधन का महत्व केवल आधुनिक भावनाओं तक सीमित नहीं है. महाभारत में द्रौपदी द्वारा श्रीकृष्ण को राखी बांधने की कथा हो, या फिर इंद्राणी द्वारा इंद्रदेव को युद्ध से पहले रक्षासूत्र बांधने की परंपरा—राखी का महत्व सदा से रहा है. यह केवल एक धागा नहीं, बल्कि शक्ति, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक है.
शनिवार को पड़ने से त्योहार और भी खास
इस वर्ष रक्षाबंधन शनिवार को पड़ रहा है, जिससे अधिकतर लोगों को अवकाश का लाभ मिलेगा और परिवार के साथ मिलकर त्योहार मनाने का अवसर मिलेगा. बाजारों में भी इस दिन खरीदारी की विशेष चहल-पहल देखने को मिलेगी, जो त्योहारी सीजन की शुरुआत मानी जा रही है.
रक्षाबंधन 2025 का यह संयोग—भद्रा रहित दिन, शुभ मुहूर्त और अवकाश के दिन पर पड़ना—इसे विशेष बना देता है. भाई-बहन इस दिन न केवल परंपराओं को निभाएंगे, बल्कि नए संकल्पों और विश्वास की डोर को और मजबूत करेंगे.