शिक्षा मंत्री बोले….कुछ शिक्षक-शिक्षिकाएं शरीर दिखाकर स्कूल आते हैं, कई शराब पीकर पहुंचते हैं; ये बच्चों के दुश्मन, इन्हें टीचर कहना पाप

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Madan Dilawar:

Madan Dilawar: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Madan Dilawar) ने शिक्षकों के पहनावे और आचरण पर कड़ा बयान देते हुए कहा कि कुछ शिक्षक और शिक्षिकाएं अशोभनीय कपड़े पहनकर स्कूल आती हैं, जिससे बच्चों पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने कहा, “शिक्षक और शिक्षिकाओं को यह सोचना चाहिए कि वे बच्चों के रोल मॉडल होते हैं। उनके पहनावे और आचरण का बच्चों पर सीधा असर पड़ता है, और इस तरह के कपड़े पहनना सही नहीं है।”

दिलावर ने शिक्षकों से सही ड्रेस कोड अपनाने और मर्यादित आचरण रखने की हिदायत दी। उनके अनुसार, एक शिक्षक का पहनावा और व्यवहार बच्चों के लिए प्रेरणा होना चाहिए, और ऐसा नहीं होना चाहिए कि बच्चे गलत चीजें सीखें।

झूमते हुए स्कूल पहुंचने वाले शिक्षकों को बताया ‘बच्चों के दुश्मन’

शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “कई शिक्षक शराब पीकर झूमते हुए स्कूल पहुंचते हैं। इससे बच्चे क्या सोचेंगे? वे यह मानेंगे कि शराब पीना सही है क्योंकि गुरुजी भी शराब पीकर आते हैं। ऐसे शिक्षक बच्चों के दुश्मन हैं और इन्हें शिक्षक कहना पाप है। जो लोग इस तरह के कृत्य करते हैं, वे न सिर्फ बच्चों का नुकसान कर रहे हैं बल्कि समाज के लिए भी एक बुरा उदाहरण पेश कर रहे हैं।”

गुटखा खाने और गालियां देने वाले शिक्षकों पर नाराजगी

मदन दिलावर ने शिक्षकों के आचरण पर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि कई शिक्षक गुटखा खाते हैं और स्कूल परिसर में ही गालियां देते हैं। उन्होंने कहा, “जब शिक्षक खुद इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करेंगे, तो बच्चे क्या सीखेंगे? बच्चों के सामने शिक्षकों को अपने आचरण में सुधार लाना होगा।

” इसके अलावा, कुछ शिक्षक स्कूल देर से आते हैं और झूठ बोलते हैं कि वे समय पर आए थे। इस पर दिलावर ने कहा कि यह बच्चों के सामने गलत उदाहरण पेश करने जैसा है, जिससे बच्चे झूठ बोलने की आदत सीखते हैं।

पूजा-नमाज के बहाने स्कूल से गायब होने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की चेतावनी

शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ शिक्षक पूजा और नमाज के बहाने स्कूल से गैरहाजिर हो जाते हैं, जो पूरी तरह से अनुचित है। उन्होंने स्पष्ट किया, “पूजा-पाठ करने के लिए वेतन नहीं दिया जाता।

पूजा का समय सुबह और शाम होता है, और शिक्षकों को चाहिए कि वे स्कूल समय से बाहर अपनी धार्मिक गतिविधियों को पूरा करें। मैंने आदेश जारी किया है कि अब कोई भी शिक्षक पूजा या नमाज के नाम पर स्कूल से अनुपस्थित नहीं हो सकता। जो ऐसा करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

शिक्षा मंत्री का आदर्श शिक्षक बनने का आह्वान

शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे अपने आचरण और व्यवहार में ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करें कि बच्चे बिना कुछ कहे भी उनसे अच्छे संस्कार ग्रहण कर सकें। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक का आचरण इतना आदर्श होना चाहिए कि बच्चों को सकारात्मक प्रेरणा मिले।

नीमकाथाना में संस्कृत स्कूल भवन का लोकार्पण, स्कूल का क्रमोन्नत करने की घोषणा

मदन दिलावर नीमकाथाना के नृसिंहपुरी गांव में उच्च प्राथमिक संस्कृत स्कूल भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने स्कूल को आदर्श वरिष्ठ उपाध्याय में क्रमोन्नत करने की घोषणा की।

इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे बच्चों को न केवल अच्छी शिक्षा दें, बल्कि उन्हें सकारात्मक जीवन मूल्य भी सिखाएं, ताकि समाज का भविष्य बेहतर हो सके।

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