Rajasthan Medical Council: राजस्थान मेडिकल काउंसिल ( Rajasthan Medical Council ) में पिछले कुछ सालों से चल रहे वित्तीय अनियमितताओं के खेल का पर्दाफाश हो गया है। जीबीएम की आड़ में चिकित्सकों द्वारा मनमाने भत्ते और सुविधाओं के लिए करोड़ों रुपये की वसूली की जा रही थी। प्रमुख चिकित्सा सचिव गायत्री राठौड ने इस गंभीर मुद्दे पर सख्त कार्रवाई का संकेत देते हुए सभी काउंसिलों के कामकाज की जांच शुरू कर दी है। क्या यह एक और बड़ा घोटाला है, या फिर चिकित्सा क्षेत्र में भ्रष्टाचार की परंपरा का अंत? जानिए पूरी कहानी।
मेडिकल सेक्टर में छिपा ‘कमाई’ का खेल
मेडिकल सेक्टर से जुड़ी विभिन्न काउंसिल में पिछले कई सालों से जारी “कमाई” के खेल से जल्द ही पर्दा हटने वाला है। राजस्थान मेडिकल काउंसिल (RMC) में फर्जी चिकित्सकों के रजिस्ट्रेशन के बाद फर्स्ट इंडिया ने बड़ा खुलासा किया, जिसमें बताया गया कि किस तरह काउंसिलों के चेयरमैन और रजिस्ट्रार के पद पर बैठे चिकित्सकों ने पद का दुरुपयोग किया है। मूल तनख्वाह के साथ-साथ काउंसिल से भत्ते और अन्य सुविधाओं के नाम पर करोड़ों रुपये के वारे न्यारे किए गए हैं।
RNC और RPMC की जांच की राह पर!
प्रमुख चिकित्सा सचिव गायत्री राठौड ने संवेदनशीलता दिखाई और तत्काल प्रभाव से RMC के बाद अब जांच के दायरे में राजस्थान नर्सिंग काउंसिल (RNC) और राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल (RPMC) को लाने के लिए दो प्रशासनिक अधिकारियों को टास्क सौंपा है। राठौड ने दो टूक शब्दों में कहा कि जांच में किसी भी स्तर पर वित्तीय अनियमितताएँ सामने आईं, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। ऐसे अधिकारियों से गलत भुगतान की वसूली होगी, और पुलिस में मामला दर्ज कराया जाएगा।
पारदर्शिता के नए आयाम: क्या बदलेंगे नियम?
- विभिन्न काउंसिलों में वित्तीय अनियमितताओं की खबर: प्रमुख चिकित्सा सचिव गायत्री राठौड़ ने सभी काउंसिलों की कार्यप्रणाली की जांच शुरू की है।
- निदेशक (अराजपत्रित) राकेश कुमार शर्मा: उन्हें नर्सिंग काउंसिल की जांच का जिम्मा दिया गया है।
- PCPNDT के PD महिपाल सिंह: उन्हें पैरामेडिकल काउंसिल की जांच का कार्यभार सौंपा गया है।
- रिपोर्ट पेश करने का समय: दोनों अधिकारियों को अगले 15 दिन में रेंडम जांच करके रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
काउंसिल में पारदर्शिता का नया युग
RMC समेत अन्य काउंसिल में गबन-घोटाले की जांच के बाद प्रमुख चिकित्सा सचिव गायत्री राठौड ने कहा कि सभी काउंसिलों में “पारदर्शिता” के लिए नए सिरे से नियम बनाए जाएंगे। उन्होंने यह भी स्वीकारा कि काउंसिलों में अतिरिक्त चार्ज पर चेयरमैन-रजिस्ट्रार लगाने की परंपरा अब खत्म की जाएगी। राठौड ने कहा कि काउंसिल का काम काफी संवेदनशील है, जिसमें समर्पित और योग्य अधिकारियों की आवश्यकता है।