RPSC: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने हाल ही में अधिशासी अधिकारी (EO) ग्रेड-4 और राजस्व अधिकारी (RO) ग्रेड-2 की परीक्षाएं निरस्त कर दी हैं, जिससे नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे हजारों अभ्यर्थियों में हड़कंप मच गया है। अशोक गहलोत सरकार के तहत शुरू की गई ये भर्तियां अब भजनलाल शर्मा सरकार के अधीन निरस्त की गई हैं, और इसके पीछे की कहानी न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि यह राज्य की राजनीतिक स्थिति को भी प्रभावित करती है। अब इन परीक्षाओं के लिए नई तिथियों की घोषणा की जाएगी, लेकिन इससे पहले कई सवाल उठ रहे हैं: क्या इस फैसले के पीछे कोई बड़ी साजिश है? क्या इससे अन्य भर्तियों पर भी असर पड़ेगा? आइए, जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी।
नकल की आशंका से निरस्त हुई EO और RO भर्ती
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आयोजित अधिशासी अधिकारी (EO) और राजस्व अधिकारी (RO) की परीक्षा का अचानक निरस्त होना अभ्यर्थियों के लिए एक बड़ा झटका है। 14 मई 2023 को आयोजित इस परीक्षा में करीब 1,96,000 अभ्यर्थियों ने अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन बीकानेर में हुए नकल के एक हाई-प्रोफाइल मामले ने सब कुछ बदल दिया।
नकल के गिरोह का खुलासा: 17 संदिग्धों की गिरफ्तारी
नकल के आरोप में एसओजी ने 17 संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जिनमें 11 अभ्यर्थी और 6 पेपर माफिया शामिल थे। विधानसभा चुनावों की आहट ने इस मामले की जांच में रुकावट डाल दी, लेकिन जैसे ही सत्ता परिवर्तन हुआ, मामले की गंभीरता सामने आने लगी। अब, परीक्षा को 23 मार्च 2025 को फिर से आयोजित किया जाएगा, जबकि जनसंपर्क एवं सूचना अधिकारी (PRO) की परीक्षा को 17 मई 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
संदिग्धों की पूछताछ में चौंकाने वाले Revelations
परीक्षा में धांधली करने के लिए जिम्मेदार ‘ब्लूटूथ गैंग’ के सरगना तुलछाराम कालेर की पूछताछ में खुलासा हुआ कि कई अभ्यर्थियों के परिजनों ने 30-40 लाख रुपए देकर पेपर खरीदा था। इस पूरे मामले में अब तक तीन मामले दर्ज हो चुके हैं, और एसओजी की जांच तेजी से जारी है। यह मामला सिर्फ एक परीक्षा की कहानी नहीं है, बल्कि राजस्थान की सरकारी नौकरी पाने के संघर्ष का एक दर्दनाक सच भी है।