Rajasthan by-elections: राजस्थान में सात विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव(Rajasthan by-elections) की तारीख का ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन बांसवाड़ा की एक सीट पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बीजेपी (BJP) के लिए यह सीट चिंताजनक साबित हो सकती है, जहां भारत आदिवासी पार्टी (BAP) का गढ़ बना हुआ है। आगामी 4 अक्टूबर को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में जनजाति विभाग द्वारा आयोजित ‘आदि गौरव समारोह’ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगी, जिससे आदिवासी वोट बैंक को साधने की कोशिश की जा रही है।
चुनौती बनी भारत आदिवासी पार्टी
भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) से अलग होने के बाद बाप पार्टी का प्रभाव बड़ता जा रहा है, विशेषकर चौरासी सहित राज्य के करीब 15 विधानसभा क्षेत्रों में। यहाँ बीजेपी के लिए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस नहीं, बल्कि बाप पार्टी बनी हुई है। पिछले दो विधानसभा चुनावों और हालिया लोकसभा चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि बाप पार्टी की मजबूती में कोई कमी नहीं आई है। कांग्रेस हालांकि यहाँ अकेले लड़ने की बात कर रही है, लेकिन उसके पास ज्यादा विकल्प नहीं बचा है।
कांग्रेस का वोट बैंक गिरा: महज 3.64% पर सिमटा
साल 2018 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद राजकुमार रोत का वोट शेयर 38.22% से बढ़कर 57.30% हो गया है। वहीं, बीजेपी का वोटिंग प्रतिशत 30.51% से घटकर 26.23% तक आ गया है, जबकि कांग्रेस का वोट बैंक 21.41% से घटकर महज 3.64% तक सिमट गया है।
रोत की जीत की कहानी: हर बार बीजेपी को दी शिकस्त
राजकुमार रोत ने 2018 विधानसभा चुनाव में बीटीपी के प्रत्याशी के रूप में 64,119 वोट प्राप्त किए थे, जबकि बीजेपी के प्रत्याशी सुशील कटारा को 51,185 वोट मिले थे। 2023 में बाप पार्टी के तहत चुनाव लड़ते हुए रोत को 1,11,150 वोट मिले और बीजेपी के प्रत्याशी को 41,984 वोट। रोत ने बीजेपी को 69,166 वोटों के अंतर से भारी शिकस्त दी।