“छात्रों के सपने बिखर रहे, परिवार गम में डूब रहे, कोटा में कब खत्म होगा सुसाइड का दौर?

0
Rajasthan News

Rajasthan News: विधानसभा में कोटा में लगातार बढ़ते छात्र आत्महत्याओं के मामले को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि यह कोई छोटा मुद्दा नहीं है, (Rajasthan News)बल्कि राजस्थान के भविष्य से जुड़ा गंभीर मामला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही और विपक्ष को भी अपनी बात रखने से रोका जा रहा है।

कोचिंग संस्थानों में काउंसलर की अनदेखी?

विधायक शांति धारीवाल ने सवाल उठाया कि केंद्र सरकार ने कोचिंग संस्थानों में काउंसलर्स और साइकोलॉजिस्ट को अनिवार्य कर दिया है, लेकिन राजस्थान सरकार ने कितने संस्थानों में इसकी जांच कराई? उन्होंने सरकार से जवाब मांगा कि क्या अधिकारियों को कोचिंग संस्थानों में यह देखने के लिए भेजा गया कि वहां काउंसलर मौजूद हैं या नहीं?

मंत्री का जवाब – बिल की तैयारी जारी

मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर है और एक नया बिल लाने की तैयारी कर रही है, जिससे कोचिंग संस्थानों में काउंसलर्स और साइकोलॉजिस्ट की नियुक्ति को अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम जल्द ही इस बिल को लागू करेंगे और कोचिंग संस्थानों में छात्रों की मानसिक सेहत का ध्यान रखा जाएगा।”

27,000 छात्रों की हो चुकी है काउंसलिंग – सरकार

सरकार ने यह दावा भी किया कि अब तक 27,000 छात्रों की काउंसलिंग करवाई जा चुकी है। मंत्री खींवसर ने कहा कि सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं और जल्द ही प्रदेशभर में कोचिंग संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

“कोचिंग संस्थानों में अधिकारी नहीं भेज सकते” – मंत्री का बयान

मंत्री खींवसर ने सदन में यह स्पष्ट किया कि जब तक नया कानून पारित नहीं होता, तब तक सरकार किसी अधिकारी को कोचिंग संस्थानों की निगरानी के लिए नहीं भेज सकती। उन्होंने कहा, “हम कोचिंग संस्थानों में जाकर दादागिरी नहीं कर सकते, इसके लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है।”

विपक्ष ने सरकार को घेरा, त्वरित कार्रवाई की मांग

सरकार की इस सफाई से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और हंगामा बढ़ता गया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और विधानसभा अध्यक्ष के बीच तीखी बहस हो गई। विपक्ष का आरोप था कि जब हर साल कोटा में सैकड़ों छात्र आत्महत्या कर रहे हैं, तो सरकार को तुरंत सख्त कदम उठाने चाहिए।

क्या सरकार कोटा के छात्रों की जान बचाने के लिए ठोस कदम उठाएगी?

बिल पास होने की बात कहकर सरकार ने भले ही जवाब दे दिया हो, लेकिन सवाल अभी भी बना हुआ है – क्या यह सिर्फ आश्वासन है या सरकार वास्तव में कोटा के छात्रों की सुरक्षा के लिए कुछ ठोस करने जा रही है?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here