Rajasthan Assembly Session: राजस्थान की 16वीं विधानसभा के चौथे सत्र की तैयारी पूरी कर ली गई है. इसका सत्र 1 सितंबर से आहूत किया जा सकता है. संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने इस बात की पुष्टि की है. इस सत्र में राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और ( Rajasthan Assembly Session)विनियमन विधेयक और राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक जैसे 10 से अधिक महत्वपूर्ण बिल पारित हो सकते हैं.
सत्र की तिथि और तैयारी
संसदीय कार्य मंत्री पटेल ने बताया कि 1 सितंबर से विधानसभा सत्र बुलाने के संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा हो चुकी है. मुख्यमंत्री से भी संपर्क किया गया है. दोनों की सहमति प्राप्त हो गई है. इसके अलावा वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों से भी परामर्श किया गया है. पटेल ने कहा कि संभवतः 1 सितंबर से विधानसभा सत्र आहूत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस बार 10 से अधिक बिल सदन के पटल पर रखे जाएंगे, जिनमें धर्मांतरण जैसे महत्वपूर्ण विधेयक भी शामिल हैं.
बता दें कि बजट सत्र 24 मार्च तक चला था. ऐसे में 6 महीने के अंदर विधानसभा सत्र बुलाने का प्रावधान है. इसलिए सरकार सितंबर के पहले सप्ताह में सत्र आहूत करना चाह रही है. सत्र बुलाने की तिथि की घोषणा मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल और विधानसभा अध्यक्ष के साथ चर्चा के बाद की जाती है. मंत्रिमंडल ने 1 सितंबर को सत्र शुरू करने की तारीख तय की है, जिसे राज्यपाल की अनुमति के लिए राजभवन भेजा गया है. राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद सत्र आहूत किया जाएगा.
पेश होगा धर्मांतरण विधेयक
आगामी सत्र में सरकार धर्म परिवर्तन पर एक विधेयक पारित करवा सकती है. इस बिल को पहले बजट सत्र के दौरान स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने पेश किया था, जिसका नाम ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025’ है. अब इस विधेयक पर विधानसभा में चर्चा होगी. इस बिल में राजस्थान में जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों के लिए कठोर सजा का प्रावधान है.
बता दें कि विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेताओं ने हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात कर धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की थी. माना जा रहा है कि इसी मांग के मद्देनजर सरकार इस सत्र में यह बिल पारित करवाएगी.
क्या है धर्म परिवर्तन विधेयक?
- किसी व्यक्ति को धमकी, लालच या छल से धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा.
- जबरन धर्म परिवर्तन कराने वाले को कठोर सजा का प्रावधान.
- अगर कोई व्यक्ति धर्म बदलकर शादी करता है, तो न्यायालय उसे अमान्य घोषित कर सकता है.
- स्वैच्छिक धर्म परिवर्तन के लिए भी 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचित करना अनिवार्य होगा.