illegal Bangladeshi immigrants in Jaipur: जयपुर के भांकरोटा में फर्जी दस्तावेजों के सहारे 12 बांग्लादेशी नागरिकों के लंबे समय से रह रहे होने का(illegal Bangladeshi immigrants in Jaipur) खुलासा हुआ है। पुलिस ने दबिश देकर 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि एक दिव्यांग और 6 नाबालिगों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की निगरानी में भेजा गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन बांग्लादेशियों ने फर्जी आधार कार्ड और पासपोर्ट के सहारे न केवल रहना शुरू किया, बल्कि जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) से फ्लैट भी खरीद लिया।
पुलिस को अब इनसे पूछताछ कर यह पता लगाना है कि इन फर्जी दस्तावेजों के निर्माण में किन स्थानीय लोगों की भूमिका थी। आरोपियों का सरगना, जो इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है, बांग्लादेशी नागरिकों को धोखा देकर भी फायदा उठा रहा था। अब एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि यह गिरोह सिर्फ दस्तावेजों के सहारे रह रहा था या फिर इनके पीछे कोई और बड़ी साजिश भी है।
बांग्लादेशी नागरिकों का खुलासा
डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने बताया कि जयसिंहपुरा स्थित जेडीए फ्लैट्स में रह रहे सोहाग खान, उनकी पत्नी नसरीन खानम और बेटे मोईन खान के साथ शबनम, शिबा खान, शबनूर और इनकी मदद करने वाले रांकड़ी सोडाला निवासी उस्मान खान को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी के साथ रह रहे दिव्यांग सहित 6 नाबालिगों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के पास भेज दिया गया है।
संदिग्धों के दो घरों पर पुलिस की कार्रवाई
पुलिस टीम ने जब जयसिंहपुरा में दबिश दी, तो दो घरों में संदिग्ध गतिविधियों का पता चला। पहले घर में सोहाग खान के पास आधार कार्ड, श्रम कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और बांग्लादेशी पासपोर्ट की कॉपी मिली, जिसमें उसका नाम नवाज लिखा था। दूसरे घर में उसकी पत्नी शबनम से जन आधार कार्ड, निर्वाचन कार्ड और बांग्लादेशी पासपोर्ट की कॉपी मिली, जिसमें नाम खातून शिखा था।
जेडीए से फ्लैट हासिल करने का मामला
सोहाग ने मेडिकल वीजा पर एक बांग्लादेशी महिला को बुलाया था, लेकिन कुछ समय बाद ठगी कर उसे वापस भेज दिया। इस महिला ने शिकायत की थी, जिसके बाद वेस्ट जिले की साइबर सेल ने जांच शुरू की। जांच में पता चला कि सोहाग ने पिछले 20 सालों में भारत में फर्जी दस्तावेज बनवाए थे।
शबनम के पास मिले फर्जी दस्तावेज
शबनम के पास भारतीय पासपोर्ट, बांग्लादेशी जन्म प्रमाण पत्र, और अचल संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं। शबनम ने यहां के सहयोगी उस्मान के साथ अपनी बेटी की शादी भी करवाई थी, जिससे यह साफ हो गया कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय है। पुलिस अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है।