जयपुर क्राइम ब्रांच ने सुलझाया मिस्ट्री केस, 1.96 लाख की लूट का कैसे हुआ पर्दाफाश?”

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Crime News:पुलिस मुख्यालय स्थित सीआईडी क्राइम ब्रांच की टीम ने सोमवार रात जोबनेर में हुई 1.96 लाख रुपए की लूट के मामले में आरोपी सागर बावरिया को गिरफ्तार किया। (Crime News)आरोपी के पास से एक स्विफ्ट कार और बाइक जब्त की गई। इस ऑपरेशन के तहत एक नाबालिग आरोपी भी पकड़ा गया, जिसके पास से 2.40 लाख के जाली नोट और 10 हजार रुपये नकद बरामद हुए।

गिरोह की जानकारी और नाबालिग से हुई पूछताछ

सूचना संकलन के दौरान एएसआई बनवारी लाल को यह जानकारी मिली कि जोबनेर लूट के आरोपी हरमाड़ा थाना इलाके में बेनाड रेलवे स्टेशन के पास मौजूद हैं। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने एक नाबालिग को पकड़ लिया, जिसके पास चिल्ड्रंस मनोरंजन बैंक के जाली नोट मिले। नाबालिग से पूछताछ में उसने गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम उजागर किए, जिनमें तेजाराम बावरिया, पप्पू राम बावरिया, हंसराज बावरिया, ममता बावरिया, सागर बावरिया और जनेश बावरिया शामिल थे।

 लूट की घटना और आरोपियों की गिरफ्तारी

नाबालिग ने बताया कि वह इस गिरोह के साथ मिलकर जोबनेर में 1.96 लाख रुपये की लूट में शामिल था। इसके बाद एएसआई बनवारी लाल को सूचना मिली कि लूट का आरोपी सागर बावरिया बैनाड़ फाटक के पास किसी स्थान पर रुका हुआ है। पुलिस ने वहां दबिश दी और आरोपी सागर बावरिया को गिरफ्तार कर लिया।

गिरोह की ठगी और लूट की नई तरकीब

यह गिरोह पहले अच्छे बंगलों और मालदार लोगों की रेकी करता था। फिर वे पुराने टीवी की पिक्चर ट्यूब को लाखों रुपये में खरीदने का झांसा देकर घरों में घुसते थे और हथियारों के दम पर लूट की घटना को अंजाम देते थे। इसके अलावा, यह गिरोह राहगीरों से भी लूटपाट करता था।

जोबनेर में लूट की घटना का विवरण

14 दिसंबर को बैनाड़ निवासी ललित जाट अपने दोस्त संजीव के साथ 1.96 लाख रुपये लेकर प्लॉट देखने निकले थे। रास्ते में बदमाशों ने उन्हें घेर लिया और उनकी मारपीट कर रुपयों से भरा बैग छीन लिया। इसके बाद जोबनेर थाना पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। क्राइम ब्रांच ने मात्र 48 घंटे के अंदर इस मामले में सफलता प्राप्त की।

 पुलिस अधिकारियों का योगदान

इस बड़ी कार्रवाई में एएसपी  सिद्धांत शर्मा और पुलिस निरीक्षक  राम सिंह नाथावत के सुपरविजन में क्राइम ब्रांच टीम ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। विशेष रूप से एएसआई बनवारी लाल शर्मा और हेड कांस्टेबल हेमंत शर्मा की तकनीकी भूमिका रही। पुलिस टीम के अन्य सदस्य महेश सोमरा, गोपाल धाबाई, कांस्टेबल देवेंद्र सिंह, विजय सिंह, गंगाराम, जितेंद्र कुमार और कांस्टेबल चालक दिनेश का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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