Mahatma Jyotirao Phule University: राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने महात्मा ज्योतिराव फुले विश्वविद्यालय के नवम दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को रोजगार की दिशा में प्रेरित करते हुए (Mahatma Jyotirao Phule University) कहा कि विश्वविद्यालयों से डिग्री प्राप्त युवा नौकरियों के पीछे भागने के बजाय रोजगार देने वाले बनें। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और कहा कि विश्वविद्यालयों को केवल पाठ्यपुस्तकों के अध्ययन तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता में वृद्धि और उद्यमिता की प्रवृत्ति के विकास पर भी ध्यान देना चाहिए।
महात्मा ज्योतिबा फुले के योगदान को याद करते हुए
अपने संबोधन में राज्यपाल ने महात्मा ज्योतिबा फुले द्वारा समाज सेवा और स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में किए गए ऐतिहासिक योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि ज्योतिबा फुले युग पुरुष थे, जिन्होंने नारी शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम किया। जब समाज कन्या शिक्षा से दूर था, तब फुले ने कन्या विद्यालय खोला और अपनी पत्नी को पढ़ाकर उन्हें देश की पहली महिला शिक्षक बनाया। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे फुले के आदर्शों को अपनाकर शिक्षा प्रसार के लिए काम करें।
नई शिक्षा नीति और राष्ट्र विकास पर जोर
राज्यपाल बागडे ने देश की नई शिक्षा नीति पर भी चर्चा की और इसे समाज के हर वर्ग को गुणवत्ता वाली वैश्विक स्तर की शिक्षा देने का मार्गदर्शक बताया। उन्होंने विद्यार्थियों से “राष्ट्र प्रथम” सोच के साथ अपनी बौद्धिक क्षमता बढ़ाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान करने की अपील की।
चांसलर ने विश्वविद्यालय की योजनाओं को साझा किया
समारोह की शुरुआत में विश्वविद्यालय के चांसलर निर्मल पंवार ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल ने विद्यार्थियों को डिग्री और पदक प्रदान किए।