Narak Chaturdashi 2024: दिवाली का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है और इसे खुशियों का प्रतीक माना जाता है। सनातन धर्म में यह पर्व 6 दिनों तक मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली से ठीक एक दिन पहले मनाई जाती है, (Narak Chaturdashi 2024)और इस साल यह 30 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर छोटी दिवाली मनाई जाती है, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है।
इस दिन रात को मृत्यु के देवता यम के लिए एक दीपक जलाने का विधान है। लेकिन सवाल यह उठता है कि इस बार छोटी दिवाली कब है? नरक चतुर्दशी पर यम का दीपक क्यों जलाया जाता है? और इसे कैसे जलाना चाहिए? इस बारे में Thefirepost.com के ज्योतिर्विद और वास्तु विशेषज्ञ पं अक्षय शास्त्री बता रहे हैं।
नरक निवारण चतुर्दशी 2024: तिथि और शुभ समय
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस साल छोटी दिवाली 30 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। नरक चतुर्दशी की शुरुआत 30 अक्टूबर को दोपहर 01:16 बजे होगी और इसका समापन 31 अक्टूबर को दोपहर 03:53 बजे पर होगा। चूंकि यह त्योहार संध्या समय में मनाया जाता है, इसलिए यम का दीपक 30 अक्टूबर को सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में जलाना शुभ रहेगा।
यम का दीपक क्यों जलाया जाता है?
नरक चतुर्दशी की रात यमराज के लिए दीपक जलाने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन यम का दीपक जलाने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है और यमराज की कृपा से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक रहता है। प्रार्थना की जाती है कि यमदेव नरक के द्वार बंद कर दें और सुख-समृद्धि प्रदान करें।
यम का दीपक कैसे जलाएं?
यम का दीपक जलाने के लिए चौमुखी दीपक या साधारण दीपक का उपयोग करें। दीपक में 4 बत्तियां चारों दिशाओं की ओर लगाएं और सरसों का तेल भरें। दीपक जलाने के बाद पूरे घर में घुमाएं और फिर इसे मुख्य द्वार के पास दक्षिण दिशा में रखें। परंपरानुसार इसे नाली के पास या अन्य स्थान पर भी रखा जा सकता है।
छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छोटी दिवाली के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। घरों की साफ-सफाई की जाती है और दीपक जलाकर सकारात्मकता का स्वागत किया जाता है।
दिवाली 2024: सही समय
दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 03:12 बजे से प्रारंभ होगी और 01 नवंबर को शाम 05:53 बजे तक रहेगी। दिवाली का पर्व प्रदोष काल में मनाया जाता है, जो इस बार 31 अक्टूबर को मिल रहा है, इसलिए दिवाली 31 अक्टूबर को मनाना श्रेष्ठ रहेगा।