दुनिया की सांसें थमीं! बुसान में आमने-सामने होंगे शी जिनपिंग और ट्रंप, क्या खत्म होगा ट्रेड वॉर?

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 US China Tension
 US China Tension : चीनी विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 30 अक्टूबर को बुसान में मुलाकात करेंगे। दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों और साझा सुरक्षा-आर्थिक चिंताओं पर विचार-विमर्श करेंगे ( US China Tension) यह बैठक इस समय के बढ़ते व्यापार तनाव के मद्देनज़र विशेष महत्व रखती है।

चीनी और अमेरिकी प्रतिनिधियों के बीच हुई सहमति के अनुसार यह मुलाकात व्यापारिक विवादों, तकनीकी और कच्चा माल आपूर्ति, तथा क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर केन्द्रित रहेगी। दोनों नेता बैठक के अतिरिक्त समय में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग के साथ भी द्विपक्षीय और त्रिपक्षीय वार्ताएँ करेंगे।

दक्षिण कोरिया का बड़ा निवेश प्रस्ताव — 350 अरब डॉलर

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दक्षिण कोरिया अमेरिका में $350 बिलियन के निवेश पर सहमत होने जा रहा है। इस समझौते के हिस्से के रूप में अमेरिका द्वारा लगाए गए आयातशुल्क को घटाकर 25% से 15% करने का प्रस्ताव भी रखा जा रहा है। इस निवेश और टैरिफ समायोजन पर अमेरिका-दक्षिण कोरिया के बीच अंतिम बातचीत अभी चल रही है।

रक्षा और जहाज निर्माण सहयोग पर भी चर्चा संभावित

ट्रम्प और ली के बीच होने वाली बैठकों में रक्षा सहयोग, रक्षा निवेश और जहाज निर्माण जैसे रणनीतिक क्षेत्रों पर भी महत्वपूर्ण चर्चाएँ होने की संभावना है। इसी साल की शुरुआत में दक्षिण कोरियाई कंपनी हनवा ओशन ने एक अमेरिकी शिपयार्ड का अधिग्रहण किया था — ऐसे कदमों को देखते हुए दोनों देशों के बीच रक्षा-औद्योगिक साझेदारी को और मजबूत करने पर बल दिया जा सकता है।

ट्रम्प ने यह संकेत दिया है कि अगर चीन फेंटेनाइल बनाकर भेजे जाने वाले रसायनों के निर्यात पर नियंत्रण के लिए कदम उठाता है तो अमेरिका चीन से आयात वस्तुओं पर लगाए गए उच्च टैरिफ में कमी पर विचार कर सकता है। वर्तमान में कई मदों पर आयात शुल्क तकरीबन 20% से 25% के बीच है।

इस मुलाकात का वैश्विक महत्व

ट्रम्प और शी की आधिकारिक बैठक 2019 के बाद पहली बड़ी उच्च-स्तरीय मुलाकात मानी जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार यह भेंट दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में सहायक हो सकती है, लेकिन सभी व्यापारिक और तकनीकी विवादों को तुरंत हल कर देना सम्भव नहीं होगा। दोनों पक्षों ने टैरिफ, टिक-टॉक और दुर्लभ धरती खनिजों जैसे जटिल मुद्दों पर एक रूपरेखा पर सहमति जताई है, मगर क्रियान्वयन में चुनौतियाँ बनी रहेंगी।

 

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