IT Act Section 66E: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवक को बिना अनुमति महिला का वीडियो बनाने और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एक युवती ने सोशल मीडिया पर दावा किया (IT Act Section 66E)कि चर्च स्ट्रीट पर उसका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया गया और उसकी जानकारी के बिना इंटरनेट पर डाल दिया गया।
निजता का उल्लंघन है यह हरकत
भारत के संविधान में अनुच्छेद 21 के तहत हर नागरिक को निजता का अधिकार (Right to Privacy) प्राप्त है। अगर कोई व्यक्ति बिना अनुमति किसी की तस्वीर या वीडियो बनाता है और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करता है, तो यह उस व्यक्ति की निजता का हनन माना जाएगा। इस तरह की शिकायत पर पुलिस द्वारा कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
क्या है कानून में सजा का प्रावधान?
भारत में इस तरह की घटनाओं के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act 2000) के तहत कड़ी सजा का प्रावधान है।
- धारा 66E: यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति किसी अन्य के निजी अंगों की तस्वीर लेता है या उसे प्रकाशित करता है, तो यह अपराध माना जाता है। इस अपराध के लिए 3 साल तक की जेल या 2 लाख रुपये जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।
- धारा 67: यदि कोई व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील सामग्री को प्रसारित करता है तो पहली बार 3 साल तक की कैद और 5 लाख रुपये जुर्माना हो सकता है। दूसरी बार ऐसा करने पर 5 साल तक की कैद और 10 लाख रुपये जुर्माना हो सकता है।
सोशल मीडिया पर लोगों में आक्रोश
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई जा रही है और लोग इस तरह की घटनाओं को महिलाओं की सुरक्षा के लिए खतरा मान रहे हैं। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की आगे की जांच जारी है।