कैसे खुली हत्या की गुत्थी
10 अक्टूबर को मृतक दयाचंद के छोटे भाई पूरणाराम ने जलते हुए शव और जली मोटरसाइकिल मिलने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्रारंभिक तौर पर मामला दुर्घटना जैसा दिखाई दे रहा था, लेकिन पुलिस ने तकनीकी निगरानी और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच करके हत्या की आशंका पर काम किया और साजिश का पर्दाफाश किया।
बदनामी से बढ़ी नाराज़गी
पूछताछ में सीता देवी ने पुलिस को बताया कि वह अपने पति से अनबन के कारण फतेहपुर में बच्चों सहित किराये के मकान में रहती थी और निजी अस्पतालों में खाना बनाकर गुजारा करती थी। कुछ वर्ष पहले दयाचंद उनके मकान पर बिजली के उपकरण ठीक करने आया — वहाँ से दोनों के बीच परिचय बढ़ा और दयाचंद ने सीता के प्रति आसक्ति दिखानी शुरू की।
पुलिस के अनुसार दयाचंद अविवाहित था और उसने सीता पर अनैतिक प्रयास के बाद उसे बदनाम करना शुरू कर दिया। सीता के विरोध करने पर भी दयाचंद ने उसे और अधिक बदनाम किया, जिससे सीता की सामाजिक और आर्थिक परेशानियाँ बढ़ने लगीं।
—कैसे अंजाम दिया गया कत्ल
लगातार बदनाम किए जाने से तंग आकर सीता ने अपनी आपबीती अपने जीजा पवन (निवासी हुडेरा) को बताई। पवन ने योजनाबद्ध ढंग से दयाचंद को फंसाने की पेशकश की। 9 अक्टूबर की शाम सीता ने दयाचंद को झांसे में लेकर हुडेरा बुलाया, जहाँ पवन व उसके साथियों ने पहले से इंतज़ार कर के दयाचंद को जबरदस्ती कार में बैठाया और सुनसान स्थान पर रातभर पिटाई कर दी — जिससे उसकी मौत हो गई।
हत्या के बाद आरोपियों ने हत्या के सबूत नष्ट करने के लिए दयाचंद की लाश और मोटरसाइकिल को चित्रकूट बालाजी मंदिर के पीछे सुनसान स्थान पर ले जाकर आग लगा दी, ताकि घटना को दुर्घटना का रूप दिया जा सके।
फतेहपुर पुलिस ने मामले में हरियाणा मूल की महिला सीता देवी को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी पवन कुमार व उसके अन्य साथियों की तलाश के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया है और संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। पुलिस ने बताया कि पवन के विरुद्ध पहले से ही छह आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने कहा है कि यह हत्याकांड तकनीकी साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उजागर हुआ है। मुख्य आरोपियों की गिरफ़्तारी के बाद मामले के और भी कई पहलू सामने आएंगे और जांच के दौरान सभी अपराधियों तथा उनकी भूमिका का विस्तृत पर्दाफाश किया जाएगा।




































































