Royal Enfield dealership dispute: राजस्थान के हनुमानगढ़ में उदय मोटर की डीलरशिप को लेकर उठे विवाद ने एक नया मोड़ (Royal Enfield dealership dispute)लिया है। कपिल ख्यालिया की आकस्मिक मृत्यु के बाद उनकी पत्नी सुप्रिया ख्यालिया ने रॉयल एनफील्ड के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
2012 से चल रही डीलरशिप को अचानक बिना किसी स्पष्टीकरण के समाप्त कर दिया गया, जबकि राजस्थान के हनुमानगढ़ में उदय मोटर की डीलरशिप को लेकर उठे विवाद ने एक नया मोड़ (Royal Enfield dealership dispute)लिया है। कपिल ख्यालिया की आकस्मिक मृत्यु के बाद उनकी पत्नी सुप्रिया ख्यालिया ने रॉयल एनफील्ड के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उनके पति के निधन के बाद कंपनी ने परिवार को सहयोग का आश्वासन दिया था। सुप्रिया ने यह भी दावा किया है कि कंपनी के स्थानीय अधिकारियों ने हनुमानगढ़ में नई डीलरशिप देने के लिए सांठगांठ की है, जो न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है। इस पूरे प्रकरण ने न केवल उनके व्यवसाय को खतरे में डाला है, बल्कि उनके परिवार की आजीविका पर भी गंभीर प्रभाव डाला है। अब सुप्रिया ख्यालिया न्यायालय से लेकर मीडिया तक न्याय की गुहार लगा रही हैं।
कंपनी पर सहयोग न देने का आरोप: सुप्रिया ख्यालिया का संघर्ष
सुप्रिया ख्यालिया ने खुलासा किया कि उनके पति ने 2012 से कोहला, हनुमानगढ़ में रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल की डीलरशिप संभाली थी। लेकिन दुर्भाग्यवश, 12 दिसंबर 2023 को उनके पति का अचानक निधन हो गया। इस मुश्किल वक्त में रॉयल एनफील्ड ने परिवार को सहयोग का आश्वासन तो दिया, लेकिन वास्तविकता यह है कि 19 मार्च 2024 तक उन्होंने केवल कागजी बाधाओं का सामना किया।
डीलरशिप का टर्मिनेशन: कंपनी की भूमिका पर सवाल
सुप्रिया ने आरोप लगाया कि कंपनी ने बिना किसी उचित कारण के उनकी डीलरशिप को समाप्त कर दिया। इसके बाद, जब उन्होंने जयपुर और गुरुग्राम स्थित कंपनी के कार्यालयों से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्हें नजरअंदाज किया गया। इस रवैये से उनकी आहत भावना और भी बढ़ गई।
सांठगांठ का गंभीर आरोप और कानूनी कार्रवाई की जरूरत
प्रेस वार्ता में सुप्रिया ने खुलासा किया कि राजस्थान के कुछ अधिकारियों ने हनुमानगढ़ में किसी अन्य व्यक्ति को डीलरशिप देने के लिए एक सांठगांठ की है। ऐसा प्रतीत होता है कि कंपनी के चेन्नई स्थित केंद्रीय कार्यालय को इस मामले की सही जानकारी नहीं है। इस विवाद पर माननीय न्यायालय ने आर्बिट्रेटर की नियुक्ति की, लेकिन अब तक रीजनल अधिकारियों ने न तो उनसे संपर्क किया है और न ही न्यायालय को प्रगति रिपोर्ट दी है।
भविष्य की चिंता: परिवार की आजीविका दांव पर
सुप्रिया ख्यालिया ने कहा, “अगर रॉयल एनफील्ड के रीजनल अधिकारियों ने मेरी बात नहीं मानी, तो मेरा परिवार सड़कों पर आ जाएगा।” इस डीलरशिप को स्थापित करने में उन्होंने 5 से 7 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो अब पूरी तरह से खत्म होने के कगार पर है।
उन्होंने कहा, “पति के आकस्मिक निधन के बाद आजीविका का जाना और निवेश का शून्य हो जाना अस्वीकार्य है। मैं कंपनी के उच्च अधिकारियों से अपील करती हूं कि यदि मेरी बात सुन ली जाए, तो मैं हनुमानगढ़ जिले में उनके साथ काम करने के लिए तैयार हूं, क्योंकि मेरे पास और कोई विकल्प नहीं है।”